सिमडेगा, पांच अगस्त झारखंड में हॉकी का नर्सरी माने जाने वाले और 1980 के मास्को ओलंपिक में स्वर्णपदक विजेता भारतीय टीम के सदस्य सिल्वानुस डुंगडुंग के गृह जनपद सिमडेगा जिले में आज 41 वर्षों बाद ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम के कांस्य पदक जीतने पर ढोल-नगाड़ों के साथ जमकर जश्न मनाया गया और इस जश्न में ओलंपिक में तिरंगा लहरा रही भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य सलीमा टेटे के पिता सुलक्षण टेटे भी शरीक हुए।
सिमडेगा को यूं ही नहीं झारखंड में हॉकी की नर्सरी माना जाता है क्योंकि आज जैसे ही भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को 5-4 से पराजित कर 41 वर्षों बाद एक बार फिर ओलंपिक खेलों में भारत का परचम लहराया और कांस्य पदक जीता तो यहां लोग ढोल-नगाड़ों की थाप पर नाचने लगे। मजे की बात यह रही कि टोक्यो में देश का परचम लहरा रही भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य सलीमा टेटे के पिता सुलक्षण टेटे ने भी इस जश्न में हिस्सा लिया।
सुलक्षण टेटे ने आज भारतीय पुरुष हॉकी टीम की विजय को देश और हॉकी के लिए बहुत महत्वपूर्ण बताते हुए आशा व्यक्त की कि अब महिला हॉकी टीम भी तीसरे स्थान के लिए होने वाले मुकाबले में ब्रिटेन को पराजित कर कांस्य जीतकर ही स्वदेश लौटेगी।
सिमडेगा में भारतीय पुरुष हॉकी टीम के ओलंपिक में लगभग 41 वर्ष बाद पदक जीतने से भारी जश्न का माहौल है। खिलाड़ी एवं हॉकी संघ से जुड़े लोग ढोल एवं नगाड़ों के धुन पर खूब थिरके। इस दौरान जिले के खिलाड़ियों ने भी जमकर जश्न मनाया। साथ ही मिठाइयां भी बांटी गईं। विदित हो कि 1972 के म्यूनिख ओलंपिक टीम में पुरुष टीम में सिमडेगा जिले से माइकल किंडो एवम् वर्ष 1980 में मास्को ओलिंपिक में सिलवानुस डुंगडुंग ने भारत को पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
यद्यपि इस बार भारतीय पुरुष टीम में सिमडेगा से एक भी खिलाड़ी नहीं है फिर भी लोगों में उत्साह एवं उमंग में कोई कमी नहीं है।
हॉकी झारखंड के अध्यक्ष मनोज कोनबेगी ने बताया कि भारतीय टीम ने ऐतिहासिक प्रदर्शन कर 41 साल बाद हॉकी में एक नया अध्याय फिर से जोड़ दिया है। उन्होंने कहा की एस्ट्रोटर्फ बनने के बाद भारतीय हॉकी टीम फिर से अपने लय में लौट रही है जिसका यह सुखद परिणाम देखने को मिल रहा है।
महिला हॉकी टीम में शामिल सिमडेगा की बेटी सलीमा टेटे के पिता सुलक्षण टेटे ने पीटीआई भाषा से बातचीत में कहा कि वह पूरी भारत टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हैं। उन्होंने कहा कि वह यह उम्मीद करते हैं की महिला टीम भी इसी तरह से शानदार प्रदर्शन करते हुए पदक लेकर देश में वापस लौटेगी।
झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास आदि ने भारतीय हॉकी टीम की आज की सफलता पर उन्हें बधाई दी है।
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