उत्तर प्रदेश में सीएम योगी के निर्देश पर राज्य के 15 लाख श्रमिकों को मिलेगा रोजगार, दूसरे राज्यों से वापस लाये गये 2224 मजदूर

By भाषा | Updated: April 25, 2020 20:02 IST2020-04-25T20:02:14+5:302020-04-25T20:02:14+5:30

पंचायती राज के प्रमुख सचिव मनोज कुमार को निर्देशित किया गया है कि ग्राम प्रधानों के माध्यम से मनरेगा और गांव के विकास के कार्यों को आगे बढ़ाएं। तबलीगी जमात के 2896 लोगों को चिन्हित करके उनकी जांच की गई है।

On the instructions of CM Yogi in Uttar Pradesh, 15 lakh laborers of the state will get employment, 2224 laborers brought back from other states | उत्तर प्रदेश में सीएम योगी के निर्देश पर राज्य के 15 लाख श्रमिकों को मिलेगा रोजगार, दूसरे राज्यों से वापस लाये गये 2224 मजदूर

उत्तर प्रदेश में सीएम योगी के निर्देश पर राज्य के 15 लाख श्रमिकों को मिलेगा रोजगार, दूसरे राज्यों से वापस लाये गये 2224 मजदूर

Highlightsकल रविवार तक दूसरे राज्यों में रह रहे 11 हजार मजदूर वापस आ जायेंगे। इन मजदूरों को 14 दिन तक पृथकवास में रखा जायेगा।

लखनऊ: देश के अन्य राज्यों में रह रहे उत्तर प्रदेश के मजदूरों को वापस लाने का काम शनिवार से शुरू हो गया और पहले चरण में 2224 श्रमिकों और कामगारों को 82 बसों की मदद से लाया गया। रविवार तक चरणबद्ध तरीके से 11 हजार लोग वापस आ जायेंगे। दूसरे राज्यों से लौट रहे 15 लाख श्रमिकों को राज्य सरकार रोजगार देगी।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के तहत राज्य सरकार स्थानीय स्तर पर 15 लाख लोगों को रोजगार देगी। ये इस राज्य के वे लोग हैं जो दूसरे राज्यों में काम करते थे लेकिन कोरोना वायरस प्रकोप के चलते हुए लॉकडाउन होने के कारण वापस लौट आए हैं या आने वाले हैं। सरकार इस संबंध में कार्ययोजना बना रही है। पंचायती राज के प्रमुख सचिव मनोज कुमार को निर्देशित किया गया है कि ग्राम प्रधानों के माध्यम से मनरेगा और गांव के विकास के कार्यों को आगे बढ़ाएं। तबलीगी जमात के 2896 लोगों को चिन्हित करके उनकी जांच की गई है। सभी 325 विदेशी व्यक्तियों को चिकित्सकीय जांच करके उन्हें पृथक किया गया है।

तबलीगी जमात के 45 विदेशी सदस्यों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है तथा 259 पासपोर्ट जब्त किये गये हैं। अपर मुख्य सचिव (गृह और सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अन्य राज्यों में 14 दिन का पृथकवास पूरा कर चुके उत्तर प्रदेश के श्रमिकों और कामगारों को चरणबद्ध तरीके से वापस लाए जाने के सम्बन्ध में निर्देश दिये थे। इसी को अमल में लाते हुये शनिवार को हरियाणा राज्य से 2224 मजदूरों को 82 बसों से वापस प्रदेश लाया गया। ये मजदूर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 16 जिलों के हैं। इन लोगों को रोजगार देने के लिये प्रदेश सरकार ने विस्तृत कार्ययोजना बनायी है।

उन्होंने कहा कि कल रविवार तक दूसरे राज्यों में रह रहे 11 हजार मजदूर वापस आ जायेंगे। मजदूरों को वापस लाने का कार्यक्रम आगे भी जारी रहेगा। इन मजदूरों को 14 दिन तक पृथकवास में रखा जायेगा। इसके लिए बड़ी संख्या में आश्रयगृह तैयार किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। इनमें ‘पब्लिक एड्रेस सिस्टम’ लगाया जाए, भोजन एवं शौचालय की सुचारू व्यवस्था की जाएगी। कोरोना वायरस के संक्रमण का इलाज करने वाले चिकित्सकर्मियों ने फैले इसके लिये हर जिले में एक टीम बनाई जा रही है। अब तक प्रदेश के कोविड- 19 फंड में 268 करोड़ रुपये आ चुके हैं। अवस्थी ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में विभिन्न राज्यों में फंसे प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों को गृह जनपद लाने का काम चरणबद्ध तरीके से शुरू कर दिया गया है। प्रदेश में वापस लाने से पहले श्रमिकों की मेडिकल स्क्रीनिंग करायी जायेगी, जिसके बाद उन्हें उनके गृह जनपद में 14 दिन के लिए पृथकवास में रखा जायेगा।

यह भी सुनिश्चित किया जाए कि पृथक केंद्र तथा आश्रयगृह में हर हाल में एकदूसरे से दूरी बनाये रखने के नियम का पालन किया जाए। आश्रयगृह में पृथक रहने की अवधि पूरी करने के बाद घर पर पृथक रहने के लिए भेजे जाने वाले श्रमिकों को राशन की किट व एक हजार रुपये का भरण-पोषण भत्ता दिया जाए।’’ उन्होंने बताया कि प्रदेश के 389 हॉटस्पॉट (संक्रमण से अधिक प्रभावित इलाके) क्षेत्र के 234 थानान्तर्गत 6,24,978 मकान चिन्हित किये गये हैं। इनमें 35,78,339 लोगों को चिन्हित किया गया है। इन हाटस्पॉट क्षेत्रों में कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये लोगों की संख्या 1373 है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ‘फेक न्यूज’ पर कड़ाई से नजर रख रही है। ‘फेक न्यूज’ के तहत अब तक 528 मामलों का संज्ञान में लेते हुए साइबर सेल को सूचित किया गया है। उन्होंने बताया कि तबलीगी जमात के 2896 लोगों को चिन्हित करके उनकी जांच की गई है। सभी 325 विदेशी व्यक्तियों की चिकित्सकीय जांच करके उन्हें पृथक किया गया है। तबलीगी जमात के 45 विदेशी सदस्यों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है तथा 259 पासपोर्ट जब्त किये गये हैं।

अवस्थी ने बताया कि प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार ने एक समिति गठित की है। प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसे कार्ययोजना बनाकर सफलतापूर्वक लागू किया जायेगा। मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिये हैं कि तालाब व चेक डैम आदि से सम्बन्धित कार्य शुरू कराये जाए। इन कार्यों में प्रवासी मजदूरों को भी लगाया जाए। इस समय 18,823 ग्राम पंचायतों में संचालित 44,478 परियोजनाओं में 4,23,231 अकुशल श्रमिक कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश की तीनों एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य में लगभग 10,000 श्रमिक कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि सिंचाई विभाग की 63 परियोजनाओं एवं लोक निर्माण विभाग की 173 परियोजनाओं का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है।

अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं कि कृषि विभाग द्वारा इस बात का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए कि प्रदेश में कृषि उपकरणों की कमी नहीं है। किसान समय से फसल कटवाते हुए अपनी उपज को क्रय केन्द्र पर ले जाएं। फसल की कटान के लिए पर्याप्त श्रम शक्ति प्रदेश में उपलब्ध है। प्रदेश में पर्याप्त संख्या में क्रय केन्द्र स्थापित किये गये हैं। उन्होंने निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि मण्डियों तथा क्रय केन्द्रों पर भीड़ एकत्र न हो तथा एकदूसरे से दूरी बनाये रखने के नियम प्रभावी ढंग से लागू रहे। अवस्थी ने बताया कि कोरोना वायरस के दृष्टिगत प्रदेश में लॉकडाउन अवधि में पुलिस विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही में अब तक धारा 188 के तहत 30,163 लोगों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई।

प्रदेश में अब तक 24,43,149 वाहनों की सघन जांच में 31,183 वाहन सीज किये गये। जांच अभियान के दौरान 11,69,51,302 रूपए का शमन शुल्क वसूल किया गया। आवश्यक सेवाओं हेतु कुल 1,79,090 वाहनों के परमिट जारी किये गये हैं। उन्होंने बताया कि कालाबाजारी एवं जमाखोरी करने वाले 679 लोगों के खिलाफ 539 प्राथमिकी दर्ज करते हुए 242 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अपर मुख्य सचिव गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं कि लॉकडाउन का शत-प्रतिशत पालन कराते हुए एकदूसरे से दूरी बनाये रखने के नियम पर विशेष ध्यान दिया जाए। गश्त बढ़ायी जाए।

उन्होंने संक्रमण की दृष्टि से जनपद संतकबीरनगर की बढ़ी हुई संवेदनशीलता के मद्देनजर, मण्डलायुक्त बस्ती, पुलिस महानिरीक्षक बस्ती तथा स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जनपद स्तर पर किये जा रहे कार्यों की प्रगति की निरन्तर जानकारी प्राप्त करते रहें। उन्होंने निर्देश दिये कि जनपद स्तर पर अलग-अलग कार्यों के लिए अधिकारी नामित किये जाएं, जिससे कार्यों का सुचारू संचालन हो और इनके लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही भी तय की जा सके।  

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