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गणतंत्र दिवस पर किसानों की प्रस्तावित 'ट्रैक्टर परेड' के लिए पंजाब, हरियाणा से ट्रैक्टरों के जत्थे दिल्ली रवाना हुए

By भाषा | Updated: January 23, 2021 20:11 IST

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चंडीगढ़, 23 जनवरी राष्ट्रीय राजधानी में 26 जनवरी को किसानों द्वारा प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड में हिस्सा लेने के लिए पंजाब और हरियाणा के किसानों के कई जत्थे अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों एवं अन्य वाहनों को लेकर शनिवार को रवाना हुए।

किसानों की मांगों को मनवाने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए रवाना हुए ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में राशन, गद्दे और जरूरत का अन्य सामान रखा गया है।

इन ट्रैक्टरों पर किसान संगठनों के झंडे लगाए गए जबकि कई पर तिरंगे झंडे लगे दिखाई दिए। ट्रैक्टरों पर पोस्टर भी लगाए गए, जिन पर ''किसान एकता जिंदाबाद'' और ''काले कानून रद्द करो'' जैसे नारे लिखे गए।

केंद्र के नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसान संगठनों ने कहा था कि वे गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में बाहरी रिंग रोड पर ट्रैक्टर परेड निकालेंगे।

भारतीय किसान यूनियन (एकता-उग्राहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने शनिवार को कहा, '' दिल्ली में प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड में हिस्सा लेने के लिए आज खनौरी (संगरुर, पंजाब) और डबवाली (सिरसा, हरियाणा) से 30,000 से भी अधिक संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉलियां रवाना हुईं।''

ये जत्थे शनिवार रात तक टीकरी बॉर्डर पर पहुंच सकते हैं।

किसान नेताओं ने बताया कि इसी तरह पंजाब के होशियारपुर और फगवाड़ा क्षेत्र से भी क्रमश: 150 एवं 1,000 ट्रैक्टरों का जत्था रवाना हुआ है।

बरनाला में एक किसान नेता ने कहा कि ट्रैक्टर परेड में शामिल होने के आह्वान पर अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।

उन्होंने कहा, '' युवा एवं बुजुर्ग बेहद शांतिपूर्ण तरीके से अपने ट्रैक्टरों पर सवार होकर दिल्ली रवाना हो रहे हैं।''

किसान नेता ने बताया कि हरियाणा के फतेहाबाद से भी ट्रैक्टर एवं अन्य वाहनों पर सवार होकर किसान परेड का हिस्सा बनने के लिए निकले हैं।

वहीं, करनाल एवं अन्य जिलों से भी रविवार को किसान दिल्ली के लिए निकलेंगे।

इस बीच, हरियाणा के दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा कि केंद्र सरकार को किसानों की मांगें स्वीकार करनी होंगी।

रेवाड़ी के पास हरियाणा-राजस्थान सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से मिलने पहुंचे सांगवान ने कहा कि किसानों को 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड के लिए जाने की अनुमति दी जानी चाहिए।

इस बीच, पंजाब के फगवाड़ा में भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) के उपाध्यक्ष किरपाल सिंह मूसापुर ने कहा, '' कल (रविवार) भी भारी संख्या में किसान ट्रैक्टर के साथ रवाना होंगे। हम केवल दोआबा क्षेत्र (पंजाब) से ही 5,000 से अधिक ट्रैक्टरों के दिल्ली रवाना होने की उम्मीद कर रहे हैं।''

पंजाब और हरियाणा में कई स्थानों पर शनिवार को ट्रैक्टर माच्र निकाला गया ताकि लोगों को अपने साथ जोड़ा जा सके।

दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों में से अधिकतर पंजाब, हरियाणा तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं।

किसान संगठनों का आरोप है कि नए कृषि कानूनों से मंडी और एमएसपी खरीद प्रणालियां समाप्त हो जाएंगी तथा किसान बड़े कॉरपोरेट घरानों की दया पर निर्भर हो जाएंगे। हालांकि केंद्र का कहना है कि एमएसपी व्यवस्था बनी रहेगी और नए कानून किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए अधिक विकल्प प्रदान करेंगे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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