नयी दिल्ली, 23 दिसंबर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के मामलों में वृद्धि की आशंका जताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी सरकार ने एक लाख रोगियों को संभालने और प्रतिदिन तीन लाख जांच करने और जनशक्ति, दवाओं तथा ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने की तैयारी कर ली है।
केजरीवाल ने कहा कि कोरोना वायरस का यह स्वरूप तेजी से फैलता है। उन्होंने दावा किया कि यह ‘‘बहुत हल्का’’ संक्रमण है। उन्होंने कहा कि इसलिए घर पर पृथक-वास प्रणाली को मजबूत बनाने का फैसला लिया गया है और घरों में मरीजों के इलाज के लिए एजेंसियों को नियुक्त करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक के बाद केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमने इन बातों को ध्यान में रखते हुए तैयारी की है। हमने प्रतिदिन तीन लाख जांच करने की क्षमता बढ़ाई है। फिलहाल दिल्ली में प्रतिदिन 60,000 से 70,000 जांच की जा रही हैं।’’
उन्होंने कहा कि प्रतिदिन एक लाख मामलों से निपटने के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरी लहर चरम पर होने के दौरान दिल्ली में प्रतिदिन लगभग 26,000 से 27,000 मामले दर्ज किए गये थे।
केजरीवाल ने कहा कि घरों में पृथक-वास में मरीजों के इलाज के लिए एजेंसियों की सेवाएं लेने के आदेश जारी किए गए हैं और यह प्रक्रिया दो से तीन दिनों में पूरी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि घरों में पृथक-वास में मरीजों की निगरानी करने की क्षमता मौजूदा 1,100 मामलों से बढ़ाकर प्रतिदिन एक लाख की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे ही कोई व्यक्ति संक्रमित पाया जाता है तो उस व्यक्ति को एक फोन कॉल किया जाएगा और अगले दिन एक मेडिकल टीम उस व्यक्ति के पास जायेगी और उसे दवाएं तथा अन्य सामान युक्त किट प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमने दूसरे देशों से जो सीखा है, वह यह है कि ओमीक्रोन से आने वाली लहर से जनशक्ति की कमी हो सकती है। इसलिए, हम अपनी जनशक्ति बढ़ा रहे हैं और आवश्यक दवाओं का एक भंडार तैयार कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि दूसरी लहर से सबक सीखते हुए, जिसके कारण शहर में ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई थी, सरकार ने आकस्मिक स्थिति में चिकित्सा ऑक्सीजन के परिवहन के लिए 15 टैंकर भी खरीदे हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, दिल्ली में अब तक ओमीक्रोन के 64 मामले सामने आ चुके हैं। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 65 मामले दर्ज किए गए हैं। तेलंगाना में 24, कर्नाटक में 19, राजस्थान में 21 और केरल में 15 मामले सामने आये हैं।
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