रिकॉर्ड कीमतों के बावजूद असम चाय बागान की पुरानी समस्याएं बरकरार

By भाषा | Updated: December 26, 2021 20:23 IST2021-12-26T20:23:05+5:302021-12-26T20:23:05+5:30

Old problems of Assam tea garden persist despite record prices | रिकॉर्ड कीमतों के बावजूद असम चाय बागान की पुरानी समस्याएं बरकरार

रिकॉर्ड कीमतों के बावजूद असम चाय बागान की पुरानी समस्याएं बरकरार

(सुष्मिता गोस्वामी)

गुवाहाटी, 26 दिसंबर असम की कुछ बेशकीमती चाय की फसल की नीलामी में रिकॉर्ड कीमत मिलने के बावजूद, चाय बागान आज भी पुरानी समस्याओं से जूझ रहे हैं, जिनमें कम औसत कीमत, उत्पादन लागत में वृद्धि और अप्रत्याशित बारिश जैसी समस्याएं शामिल हैं।

कोविड-19 महामारी के कारण दो साल के लॉकडाउन तथा प्रतिबंधों ने चाय उद्योग की समस्याओं को और बढ़ा दिया है। यद्यपि कई बागानों द्वारा गुणवत्ता वाली चाय के उत्पादन पर विशेष ध्यान केंद्रित करने से आने वाले वर्षों में बेहतर कीमत प्राप्त करने में मदद मिलने की संभावना जतायी जा रही है।

टी-बोर्ड इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, इस साल अक्टूबर तक राज्य में चाय का उत्पादन 2020 की इसी अवधि की तुलना में अधिक रहा है। हालांकि चाय उत्पादकों का कहना है कि इसका सीधा सा मतलब है कि उनकी चाय बिक्री कम होने के कारण उनके पास चाय के भंडार में वृद्धि हुई है।

जनवरी से अक्टूबर 2021 तक, असम में चाय का उत्पादन 580.57 मिलियन किलोग्राम रहा, जो 2020 में इसी अवधि के दौरान 514.29 मिलियन किलोग्राम था।

यद्यपि मनोहारी चाय बागान में उगाई गई एक किलोग्राम चाय इस महीने की शुरुआत में 99,999 रुपये की रिकॉर्ड कीमत पर बिकी, जो देश में किसी भी चाय की नीलामी में सबसे अधिक थी, लेकिन कुल मूल्य प्राप्ति का आंकड़ा बहुत अच्छा नहीं रहा।

मनोहारी टी एस्टेट के मालिक राजन लोहिया ने कहा, “कुल मिलाकर, विभिन्न कारकों के कारण यह एक अच्छा वर्ष नहीं रहा। कम बारिश से उत्पादन प्रभावित हुआ था। तब, बेची गई चाय की कीमतें बहुत अधिक नहीं थीं।"

उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, “लेकिन हमने इस साल भी अच्छा संकेत देखा है। गुणवत्ता और गैर-गुणवत्ता वाली चाय की कीमतों में महत्वपूर्ण अंतर रहा है।’’

पाभोजन टी एस्टेट की राखी दत्ता सैकिया ने पीटीआई-भाषा से कहा, “पिछले साल महामारी के प्रकोप के परिणामस्वरूप, कई बागानों और कंपनियों में चाय के स्टॉक बिना बिके रह गए। इस साल कई मामलों में केवल स्टॉक बढ़ा है क्योंकि अन्य वर्षों की बिक्री की तुलना में इस बार बिक्री अच्छी नहीं रही है।”

सैकिया ने कहा, “पिछले साल से निर्यात में गिरावट आई है। नीलामी की कीमतों में वृद्धि के बिना विनिर्माण लागत केवल बढ़ी है।”

उन्होंने कहा कि अकेले चाय बागान अपने मुनाफे को बेहतर बनाने के लिए विविधता लाने की कोशिश कर रहे हैं। सैकिया ने कहा, “हमने टी एस्टेट में चाय पर्यटन पैकेज की पेशकश शुरू कर दी है। हमें चाय बेचने से होने वाली आय को बढ़ाने पर ध्यान देना होगा।

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Web Title: Old problems of Assam tea garden persist despite record prices

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