दुनिया में गिर रहे हैं तेल के भाव, फिर भारत सस्ता तेल खरीदने से क्यों कर रहा है इंकार

By शीलेष शर्मा | Updated: April 21, 2020 16:56 IST2020-04-21T16:56:03+5:302020-04-21T16:56:03+5:30

तेल का सर्वाधिक आयात करने वाले 10 देशों में भारत शामिल है फिर भी इस अवसर का लाभ नहीं उठा रहा है। 

Oil prices are falling in the world, then why India is refusing to buy cheap oil | दुनिया में गिर रहे हैं तेल के भाव, फिर भारत सस्ता तेल खरीदने से क्यों कर रहा है इंकार

दुनिया में गिर रहे हैं तेल के भाव, फिर भारत सस्ता तेल खरीदने से क्यों कर रहा है इंकार

Highlights पिछले 6 वर्षों में सरकार उपभोक्ताओं से करों के नाम पर तेल और डीज़ल से 20 लाख करोड़ कमा लिये कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट ने वायदा भाव -3.70 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल तक पहुँचा दिया।

नयी दिल्ली: कच्चे तेल की कीमतों को लेकर दुनिया में छिड़ी जंग के बीच डब्लू टी आई ( अमरीकी बैंच मार्क क्रूड वेस्ट टेक्सॉस इंटरमीडिएट) कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट ने वायदा भाव -3.70 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल तक पहुँचा दिया। उल्लेखनीय है कि ईरान पर लगे प्रतिबंधों के बाद भारत अमेरिका से कच्चे तेल का आयात कर रहा है लेकिन इस गिरावट के बाद भारत सरकार के उस फ़ैसले से सभी चिंतित हैं कि भंडारण क्षमता होने के बाबजूद आखिर क्यों भारत ने कच्चा तेल खरीदने से इंकार किया है और वह क्यों सस्ते दामों में खरीद कर उस मुनाफ़े का लाभ उपभोक्ता को क्यों नहीं दे देता। तेल का सर्वाधिक आयात करने वाले 10 देशों में भारत शामिल है फिर भी इस अवसर का लाभ नहीं उठा रहा है। 

कांग्रेस ने आज इसी सवाल को उठाते हुये पूछा कि सरकार देश को बताये कि जब अमेरिका कच्चा तेल कौड़ियों के भाव बेच रहा है तब भारत भंडारण क्षमता होते हुये भी तेल के आयात से इंकार क्यों कर रहा है। पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सरकार को सलाह दी कि पिछले 6 वर्षों में सरकार उपभोक्ताओं से करों के नाम पर तेल और डीज़ल से 20 लाख करोड़ कमा लिये लेकिन जब अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में तेल की कीमत कौड़ियों के भाव है तब तो सरकार उसका लाभ उपभोक्ताओं को दे सकती है। 

उन्होंने सरकार को यह समझाने की भी कोशिश की कि तेल के दाम कम होने पर उसका  लाभ सभी को मिल सकता है, यह तभी संभव है यदि माल ढुलाई करने वाले सस्ती दरों पर डीज़ल प्राप्त करें ,सब्जियों के दाम काम होंगे। मध्यम वर्ग को भी राहत होगी ,उसकी जेब में बचत का पैसा होने का अर्थ है बाज़ार में उत्पादों की खरीद में इज़ाफ़ा। 

राहुल ने तेल की गिरती कीमतों पर ट्वीट कर कहा " दुनियाँ में कच्चे तेल की कीमतें अप्रत्याशित आंकड़ों पर आ गिरी हैं, फिर भी हमारे देश में पेट्रोल 69 रुपये ,डीज़ल 62 रुपये प्रति लीटर क्यों ? इस विपदा में जो दाम घटे ,सो अच्छा। कब सुनेगी यह सरकार? "

Web Title: Oil prices are falling in the world, then why India is refusing to buy cheap oil

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