अधिकारियों ने संसदीय समिति से कहा: कोरोना की दूसरी लहर ने अर्थव्यवस्था में सुधार की गति को धीमा किया

By भाषा | Updated: June 28, 2021 21:58 IST2021-06-28T21:58:17+5:302021-06-28T21:58:17+5:30

Officials told the parliamentary committee: the second wave of Corona slowed down the pace of recovery in the economy | अधिकारियों ने संसदीय समिति से कहा: कोरोना की दूसरी लहर ने अर्थव्यवस्था में सुधार की गति को धीमा किया

अधिकारियों ने संसदीय समिति से कहा: कोरोना की दूसरी लहर ने अर्थव्यवस्था में सुधार की गति को धीमा किया

नयी दिल्ली, 28 जून सरकार के शीर्ष अधिकारियों ने सोमवार को एक संसदीय समिति से कहा कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर की वजह से वित्तीय वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही से अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने की गति मंद पड़ गई है। एक सूत्र ने यह जानकारी दी।

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव गोविंद मोहन, वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के. राजा रमन उन अधिकारियों में शामिल थे, जिन्होंने गृह मामलों की स्थायी समिति के समक्ष ‘कोविड की दूसरी लहर के ‘सामाजिक-आर्थिक परिणाम’ पर अपनी बात रखी।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा इस समिति के अध्यक्ष हैं। सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने समिति को सूचित किया कि बिजली उपभोग, टोल संग्रह और मालभाड़े जैसे उच्च मानकों वाले सूचकांकों (एचएफआई) में मई, 2021 के दूसरे पखवाड़े से उछाल देखने को मिला है।

बहरहाल, उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी संग्रह, यूपीआई लेनदेन, मुख्य औद्योगिक उत्पादन, पीएमआई विनिर्माण और अन्य क्षेत्रों में मंद गति देखी गई है।

सूत्रों के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर की वजह से वित्तीय वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही से अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने की गति मंद देखी गई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने समिति को जानकारी दी कि मई में कोरोना वायरस के कुल संक्रमण में 10 फीसदी मामले कोविड के चिंताजनक स्वरूपों के थे, जो 20 जून तक बढ़कर 51 फीसदी तक पहुंच गए तथा देश में निर्मित दोनों टीके ‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सीन’ इन स्वरूपों के खिलाफ कारगर हैं, हालांकि असर थोड़ा कम है।

सूत्रों के मुताबिक, टीकों की उपलब्धता के बारे में अधिकारियों ने गृह मामलों की स्थायी समिति को सूचित किया कि इस साल अगस्त से दिसंबर के बीच 135 करोड़ खुराक उपलब्ध कराई जाएगी। ये खुराक कोवैक्सीन, स्पूतनिक-वी, जायडस कैडिला का डीएनए टीका और ‘बायो ई सबयूनिट’ टीके की होंगी।

कोरोना वायरस के कई चिंताजनक स्वरूपों के बारे में जानकारी साझा करते हुए अधिकारियों ने समिति को बताया कि इनमें अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा स्वरूप शामिल हैं। उन्होंने कहा कि 35 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 174 जिलों में ये स्वरूप पाए गए हैं। इनके सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और गुजरात सामने आए हैं।

अधिकारियों द्वारा साझा की गई जानकारी के मुताबिक, कोरोना के चिंताजनक स्वरूपों का अधिक प्रसार होता है, इनकी प्रचंडता और निदान, दवाओं एवं टीकों के संदर्भ में भी बदलाव है। समिति से संबंधित एक सूत्र ने बताया, ‘‘अधिकारियों ने समिति को बताया कि कोविड के चिंताजनक स्वरूपों के मामले मई में 10.31 फीसदी थे, जो 20 जून तक बढ़कर 51 फीसदी हो गए।’’

सूत्र ने कहा कि आईसीएमआर और ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी’ की ओर से इन स्वरूपों के खिलाफ कोवैक्सीन और कोविशील्ड के असर को लेकर किए गए अध्ययन से पता चलता है कि इन स्वरूपों में प्रतिरोधक क्षमता अन्य स्वरूपों के मुकाबले थोड़ा घट जाती है, लेकिन टीके बीमारी के गंभीर स्वरूप में प्रभावी हैं।

समिति को सूचित किया गया कि डेल्टा प्लस के असर को लेकर भी इसी तरह का अध्ययन किया जा रहा है और यह अगले दो हफ्ते में पूरा होगा।

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Web Title: Officials told the parliamentary committee: the second wave of Corona slowed down the pace of recovery in the economy

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