NRC विवाद: जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी को कहा शुक्रिया, कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों से की ये अपील
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 24, 2019 11:02 IST2019-12-24T11:00:58+5:302019-12-24T11:02:54+5:30
जेडीयू के वरिष्ठ नेता प्रशांत किशोर ने 24 दिसंबर को ट्विटर पर राहुल गांधी को धन्यवाद दिया।

प्रशांत किशोर (फाइल फोटो)
राष्ट्रीय नागरिक पंजीयन (एनआरसी) को लेकर लगातार मुखर जेडीयू के उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का शुक्रिया अदा किया है। सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ राजघाट पर सत्याग्रह किया था।
प्रशांत किशोर ने 24 दिसंबर को ट्विटर पर राहुल गांधी को धन्यवाद दिया। उन्होंने ट्वीट किया, सीएए और एनआरसी के खिलाफ आंदोलन में शामिल होने के लिए शुक्रिया राहुल गांधी। लेकिन आप जानते हैं कि जन आंदोलन के अलावा हमें ऐसे राज्यों की जरूरत है, जो कि एनआरसी को रोकने के लिए उसे 'ना' कह सकें। हमें उम्मीद है कि आप कांग्रेस पार्टी को सहमत करेंगे कि जिन राज्यों में कांग्रेस पार्टी की सरकार है, वे आधाकारिक तौर पर एनआरसी लागू नहीं करने का ऐलान करेंगे।' एक अन्य ट्वीट में किशोर ने लिखा, मुझे यह बताने की कोशिश करने के बजाय कि कांग्रेस के सीएम ने क्या कहा है, कृपया कांग्रेस अध्यक्ष के आधिकारिक बयान की घोषणा करें कि कांग्रेस शासित राज्यों में कोई एनआरसी नहीं होगा।
Rather than trying to inform me what Congress CMs have said please share the OFFICIAL statement of the Congress President announcing that there will NO NRC in Congress ruled states
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 24, 2019
I am sorry voting against CAB didn’t stop it, states saying NO to NRC will. So don’t get confused.
कांग्रेस ने किया सत्याग्रह
कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ ‘‘एकजुटता दिखाने’’ के लिए राजघाट पर ‘सत्याग्रह’ में हिस्सा लिया। पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी और पार्टी सदस्यों ने एक मिनट का मौन भी धारण किया। प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘इस आंदोलन में शहीद हुए बच्चों के नाम। बिजनौर के ओमराज सैनी के नाम पर जिनके पांच बच्चे उनका इंतजार कर रहे हैं और वह अस्पताल में जख्मी पड़े हुए हैं। उनके नाम पर हम संकल्प लेते हैं कि हम संविधान की रक्षा करेंगे और इसे तहस-नहस नहीं होने देंगे।’’
वहीं सीएए के खिलाफ द्रमुक और उसके सहयोगियों ने सोमवार को चेन्नई में बड़े पैमाने पर रैली निकाली और इस कानून को वापस लेने की मांग की। द्रमुक और सहयोगी दलों ने चेतावनी दी कि केंद्र अगर इस कानून को वापस नहीं लेता है तो समाज के गैर राजनीतिक तबकों को साथ लेकर आंदोलन को तेज किया जाएगा। द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने शांतिपूर्ण रैली की अगुवाई की। सीएए के विरोध में कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम, एमडीएमके प्रमुख वाइको समेत गठबंधन सहयोगी दलों के अन्य नेता हाथों में तख्तियां लेकर साथ में चल रहे थे। द्रमुक और अन्य सहयोगी दलों के कार्यकर्ताओं ने कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच हाथों में पार्टी के झंडे, बैनर और तख्तियां लेकर एगमोर से राजरथिनम स्टेडियम तक करीब ढाई किलोमीटर मार्च किया। कार्यकर्ता नारे लगा रहे थे, ‘‘सीएए वापस लो। सांप्रदायिक भावनाएं न भड़काओ।’’ एमडीएमके के नेता वाईको ने संवाददाताओं से कहा कि रैली ‘‘सफल रही’’।