भुवनेश्वर, पांच फरवरी ओडिशा के बालासोर में देश का ऐसा पहला अनुसंधान परीक्षण केंद्र बनेगा जो बिजली और गरज के साथ आनेवाले तूफानों का अध्ययन करेगा।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि इसका उद्देश्य आकाशीय बिजली गिरने से होने वाले जानमाल के नुकसान को रोकना है।
विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने एक निजी टीवी चैनल से कहा कि भोपाल के पास अपनी तरह का पहला मानसून परीक्षण केंद्र बनाने की भी योजना है।
उन्होंने बताया कि दोनों ही परियोजनाएं योजना स्तर पर हैं और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाई जा रही है।
महापात्र ने कहा कि तूफान अनुसंधान परीक्षण केंद्र की स्थापना पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, मौसम विभाग, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) तथा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ मिलकर की जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘आईएमडी, इसरो तथा डीआरडीओ की बालासोर में इकाइयां पहले से ही हैं।’’
उल्लेखनीय है कि बालासोर के चांदीपुर में मिसाइल प्रक्षेपण के लिए एकीकृत परीक्षण रेंज है।
महापात्र ने फोन पर कहा कि अनुसंधान केंद्र में एक संपूर्ण वेधशाला, रडार, ऑटो-स्टेशन, माइक्रोवेव रेडियोमीटर और विंड प्रोफाइलर जैसे कई निगरानी नेटवर्क होंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मौसम विज्ञान संबंधी अनुसंधान परीक्षण केंद्र ठीक वैसा ही है जैसे कि मिसाइलों के प्रक्षेपण के लिए मिसाइल परीक्षण रेंज होता है।’’
महापात्र ने रेखांकित किया कि ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में हर साल अप्रैल से जून के बीच आकाशीय बिजली गिरने के कारण अनेक लोगों की मौत हो जाती है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक ओडिशा में हर साल औसतन 350 से अधिक लोगों की मौत आकाशीय बिजली गिरने के कारण होती है।
उन्होंने बताया कि 2019-20 तक, बीते नौ वर्ष में ओडिशा में आकाशीय बिजली गिरने से 3,218 लोगों की जान चली गई।
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