ओडिशा : जगन्नाथ मंदिर के एमार मठ में खजाने की खोज

By भाषा | Updated: September 19, 2021 16:40 IST2021-09-19T16:40:03+5:302021-09-19T16:40:03+5:30

Odisha: Discovery of treasure at Jagannath Temple's Emaar Math | ओडिशा : जगन्नाथ मंदिर के एमार मठ में खजाने की खोज

ओडिशा : जगन्नाथ मंदिर के एमार मठ में खजाने की खोज

पुरी, 19 सितंबर ओडिशा में पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर के दक्षिण-पूर्वी कोने में स्थित एमार मठ में खजाने की तलाश शुरू कर दी गयी है। मेटल डिटेक्टर से लैस पुरातत्वविदों की टीम 12वीं शताब्दी के मंदिर में दबे हुए खजाने की खोज कर रही हैं।

मंदिर के उत्तर-पार्श्व मठ के महंत (प्रमुख) नारायण रामानुज दास के अनुरोध के बाद बृहस्पतिवार से ही खजाने की तलाश शुरू हो गयी है। रामानुज दास एमार मठ के प्रभारी भी हैं। मठ के अधिकारियों के साथ-साथ इतिहासकारों का भी यह मानना है कि मंदिर परिसर की जमीन के भीतर कीमती सामान का एक संग्रह दबा हुआ है।

यह विश्वास कि एक गुप्त कोष को भूमिगत रूप से दबाया गया है, पहले मिले दो खजानों की खोज से और भी मजबूत हुआ है।

गौरतलब है कि 2011 में पुलिस को मठ के अंदर 18 टन वजनी चांदी की 522 सिल्लियों का खजाना मिला था, जिसकी कीमत उस समय लगभग 90 करोड़ रुपये थी। इससे पहले इस साल अप्रैल में मठ के अंदर लगभग 35 किलोग्राम वजन की चांदी की 45 और सिल्लियां मिली थीं।

एमार मठ से चांदी की सिल्लियों के अलावा चांदी का पेड़ और चांदी के फूल, लगभग 16 प्राचीन तलवारें और गाय की कांसे की एक मूर्ति भी बरामद की गई थी। इस मठ की स्थापना रामानुजाचार्य ने 1050 ईसवीं में की थी, जब वह पुरी आए थे।

राज्य पुरातत्व विभाग की एक विशेष टीम ने श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के अधिकारियों, पुरी के जिलाधिकारी समर्थ वर्मा, पुरी के पुलिस अधीक्षक के वी सिंह और एमार मठ के ट्रस्ट के सदस्यों की मौजूदगी में छिपे हुए खजाने का पता लगाने के लिए बृहस्पतिवार को एमार मठ के परिसर के अंदर तलाशी शुरू की।

पुरी के उप-जिलाधिकारी भाबतरन साहू ने कहा, ‘‘अभी तक बृहस्पतिवार के निरीक्षण के दौरान कोई सामग्री नहीं मिली है। परिसर को स्कैन करने वाली तकनीकी टीम की रिपोर्ट पर हम उचित कार्रवाई करेंगे।’’

मठ से पहले बरामद किए गए खजाने को अब पुरी में राज्य के खजाने में रखा गया है और सशस्त्र पुलिस द्वारा उसकी सुरक्षा की जाती है।

रामानुजाचार्य द्वारा पुरी में रामानुज संप्रदाय से संबंधित 18 मठों की स्थापना की गई थी। ये सभी मठ श्री जगन्नाथ मंदिर से जुड़े हुए हैं और मंदिर से जुड़े अनुष्ठानों में शामिल होते हैं।

उत्तर-पार्श्व मठ के महंत नारायण रामानुज दास की अध्यक्षता में चार सदस्यीय एक ट्रस्ट निकाय ने शुक्रवार को एमार मठ को अपने कब्जे में ले लिया था, और सभी क़ीमती सामान की सूची एक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में बनाई गई थी।

नारायण रामानुज दास ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘बृहस्पतिवार की मेटल डिटेक्टर खोज ने कुछ संकेत दिया है। लेकिन, हम यह नहीं कह सकते कि वे मूल्यवान धातु हैं या लोहा या कोई अन्य धातु। चूंकि मेटल डिटेक्टर जमीन की सतह के नीचे केवल डेढ़ फुट से दो फुट तक की सामग्री का ही पता लगा सकते हैं, इसलिए अब हमें एक बेहतर सर्वेक्षण की आवश्यकता है जोकि अधिक गहराई पर धातुओं का पता लगा सके।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Odisha: Discovery of treasure at Jagannath Temple's Emaar Math

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे