ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल और उनके सरकार को बड़ा झटका लगा है। पटनायक सरकार के कृषि मंत्री प्रदीप महारथी ने अपना इस्तीफा दे दिया है। ताजा मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदीप महारथी ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंप दिया।
हाल ही में मंत्री प्रदीप महारथी पीपली में हुए गैंगरेप मामले में विवादित बयान दिया था। इसे लेकर पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन किया था। महारथी ने कहा कि भुवनेश्वर से पीपली तक बीजेपी में तीस हजार महिलाएं खड़ी हैं। उनके साथ हजार पति हैं। इस बयान को लेकर पूरे राज्य में बीजेपी महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया।
हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी भी ओडिशा में थे जहां वो प्रदीप महारथी के बयानों को लेकर तंज कसा था। उन्होंने राज्य सरकार पर पिपिली दुष्कर्म के दोषियों को बचाने का आरोप लगाया था।
मंत्री का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बारीपदा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ओडिशा सरकार पर महिलाओं और लड़कियों के कल्याण के लिए गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया था। साथ ही पीपली सामूहिक बलात्कार तथा हत्या मामले की दोबारा जांच कराने की अपील की थी।
मोदी ने भाजपा की रैली में कहा था, ‘‘यह (राज्य) सरकार पुरी जिले में सात-आठ साल पहले हुई एक घटना में एक लड़की को न्याय नहीं दे सकी है। यह स्वाभाविक है कि जांच में ढिलाई को लेकर महिलाएं एवं लड़कियां गुस्से में हैं।’’ मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पीपली बलात्कार एवं हत्या मामले में प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए भुवनेश्वर में कहा था, ‘‘हम मामले पर पूरी गंभीरता बरत रहे हैं।’’ गौरतलब है कि 2011 में 19 साल की एक लड़की से बलात्कार हुआ था और कोमा में रहने के दौरान 2012 में उसकी मौत हो गई थी। इस घटना को लेकर राज्यव्यापी रोष व्याप्त हो गया था। ऐसे आरोप थे कि महारथी ने आरोपियों को संरक्षण दिया था।
दरअसल 24 दिसंबर 2018 को अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की अदालत ने इस मामले में गिरफ्तार दो लोगों को बरी कर दिया था। इस पर महारथी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था, ‘‘ मैं अदालत के फैसले का स्वागत करता हूं। यह सच्चाई की जीत है। पीड़िता को न्याय मिल गया।’’
महारथी के इस बयान से विपक्षी पार्टियों के साथ ही पीड़िता के परिजन में रोष व्याप्त हो गया था जो आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे थे।
भाजपा और कांग्रेस की महिला इकाई ने महारथी के इस्तीफे की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। पीपली विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले महारथी ने कड़ी आलोचनाओं के बाद माफी मांग ली थी लेकिन विपक्षी सदस्य उनके मंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग कर रहे थे।
महारथी को आरोपियों को शरण देने के आरोप को लेकर हंगामे के बीच अंतत: मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। लेकिन 2014 में बीजद के सत्ता में वापसी के बाद उन्हें फिर मंत्री बनाया गया था।
(भाषा एजेंसी से इनपुट)