लाइव न्यूज़ :

बिहार में और बढ़ सकती है कोरोना से हुई मौतों की संख्या, निजी अस्पतालों का आंकड़ा अब भी अबूझ पहेली

By एस पी सिन्हा | Updated: June 12, 2021 19:32 IST

आंकड़ों के फर्जीवाडे़ का मामला लगातार सामने आ रहा है। अभी तक निजी अस्पतालों में हुई मौतों का आंकड़ा सरकार ने बताया ही नही है।

Open in App
ठळक मुद्देनिजी अस्पतालों में हुई मौतों का आंकड़ा सरकार ने बताया ही नहीं है। पटना के 28 निबंधित निजी अस्पतालों को 3 दिन में मौत के आंकडे़ बताने को कहा है। कोरोना से हुई मौत के मामलों को लेकर पटना हाईकोर्ट में भी सरकार की फजीहत हुई है।

पटनाःबिहार में कोरोना से हुई मौत के आंकड़ों में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद नीतीश सरकार की फजीहत हो रही है। हालांकि इस फजीहत से निकलने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई तरह की सफाई दी जा रही है, लेकिन आंकड़ों के फर्जीवाडे़ का मामला लगातार सामने आ रहा है। अभी तक निजी अस्पतालों में हुई मौतों का आंकड़ा सरकार ने बताया ही नही है। अगर यह भी सामने आ जाये तो सरकार की और फजीहत होनी तय मानी जा रही है।

निजी अस्पतालों में भी कई ऐसे अस्पताल रहे हैं, जिन्हें कोविड के रोगियों का इलाज करने की अनुमति नही थी, बावजूद इनके द्वारा चोरी-छुपे कोविड रोगियों का इलाज किया जाता रहा और वहां मौतें भी हुई हैं। अगर ऐसे सभी मामले सामने आ जाते हैं तो बिहार में कोरोना से मरने वालों के आंकड़ों में अप्रत्याशित वृद्धि हो सकती है।

उल्लेखनीय है कि सरकार के पास मौजूदा वक्त में कोरोना से मौतों के जो आंकड़े उपलब्ध हैं, उनमें ज्यादातर सरकारी अस्पतालों से जुडे़ हुए हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे निजी अस्पतालों का भी आंकड़ा हो सकता है, जिन्हें सरकार से कोविड के इलाज की अनुमति मिली हुई थी। लेकिन कोरोना की दूसरी की लहर के दौरान जिन-जिन निजी अस्पतालों में मरीजों का इलाज किया गया। उसमें से कई सरकार से निबंधित नही थे। ऐसे में वहां हुई मौतों की सही जानकारी अब तक सरकार के पास नहीं पहुंच पाई है। इस तरह से आशंका यह है कि निजी अस्पतालों ने कोरोना से मरने वालों के आंकडे़ छुपाए हुए हैं। जिसके चलते खुद स्वास्थ्य विभाग चिंतित है।

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सभी सिविल सर्जन को यह निर्देश दिया गया है कि उनके जिलों में निजी अस्पतालों में कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा जल्द भेजें। बावजूद इसके निजी अस्पतालों ने कोरोना संक्रमितों की मौत के आंकड़ों की जानकारी स्थानीय प्रशासन को नहीं दी है।

तीन दिन में मौत का आंकड़ा बताने के आदेश

बताया जाता है कि पटना के सिविल सर्जन ने राजधानी पटना के 28 निबंधित निजी अस्पतालों को 3 दिन के अंदर मौत के आंकडे़ को बताने को कहा है। सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि सिविल सर्जन की तरफ से दी गई, समय सीमा समाप्ति के बावजूद निजी अस्पतालों ने अभी तक अपनी तरफ से कोई जानकारी उपलब्ध नही कराई है। इसके अलावा पटना में कई गैर निबंधित अस्पतालों में भी कोरोना का इलाज किये जाने की बात कही जा रही है। ऐसे में वह सरकार को आंकड़ा देंगे भी तो कैसे यह एक गंभीर सवाल उठ खडा हुआ है।

निजी अस्पतालों में हुई मौतों की संख्या शामिल नहीं

सूत्रों की मानें तो सरकार की ओर से कोरोना से हुई मौतों का जो आंकड़ा पेश किया गया है, उनमें निजी अस्पतालों के अंदर हुई मौतों की संख्या शामिल नहीं है। ऐसे में अगर इन अस्पतालों की तरफ से भी जानकारी मुहैया कराई जाती है तो एक बार फिर कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा सरकार की फजीहत कराने के लिए काफी हो सकता है।

पटना हाईकोर्ट भी मौत के आंकड़ों पर सख्त

इस बीच कोरोना से हुई मौत के मामलों को लेकर अब सरकार की फजीहत पटना हाईकोर्ट में भी हुई है। पटना हाईकोर्ट में कोरोना संक्रमण के मामले पर सुनवाई करते हुए बिहार सरकार को चेतावनी दे डाली है। राज्य में कोरोना संक्रमण से हुई मौत के आंकडे़ पर नाराजगी जताते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि कोर्ट इस बारे में सरकार से जानकारी नहीं मांगता तो लोगों की मौत का सही आंकड़ा सामने नहीं आ पाता. हाईकोर्ट ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि ऐसी गलती भविष्य में ना हो। यहां बता दें कि पटना हाईकोर्ट में राज्य के मुख्य सचिव की तरफ से दायर हलफनामे में सूबे में मौत का आंकड़ा 9,375 बताया गया है। कोर्ट को बताया गया कि मरने वालों की संख्या में गड़बड़ी होने के मामले में प्रदेश के सभी सिविल सर्जन को नोटिस जारी किया गया है। सरकार ने अपने हलफनामे में यह भी कहा कि राज्य में संक्रमण से मरने वालों की संख्या 9,375 है, जबकि पटना में सबसे ज्यादा 2,293 लोग कोरोना की वजह से मरे हैं। शिवहर जिले में मौत का आंकड़ा सबसे कम है। शिवहर में कोरोना संक्रमण से कुल 35 लोगों की जान गई है। वहीं, 7 जून को मरने वाले लोगों की संख्या 5,424 बताई गई थी। कोर्ट में यह बात सामने आई है कि 8 जून को बक्सर जिले में मरने वाले कोरोना संक्रमितों की संख्या 180 थी, जबकि 7 जून को यह आंकडा 83 ही बताया गया था। सरकार ने कहा है कि इस मामले में सिविल सर्जन को नोटिस दिया जाएगा और जो भी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी।

टॅग्स :बिहार में कोरोनाकोरोना वायरसकोविड-19 इंडियापटना
Open in App

संबंधित खबरें

भारतबिहार की राजधानी पटना से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर मोकामा में होगा श्री वेंकटेश्वर बालाजी मंदिर का निर्माण, राज्य सरकार ने उपलब्ध कराई जमीन

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत

भारतआखिर गरीब पर ही कार्रवाई क्यों?, सरकारी जमीन पर अमीर लोग का कब्जा, बुलडोजर एक्शन को लेकर जीतन राम मांझी नाखुश और सम्राट चौधरी से खफा

भारतलालू प्रसाद यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव पर ₹356000 बकाया?, निजी आवास का बिजली कनेक्शन पिछले 3 साल से बकाया राशि के बावजूद चालू

भारतकांग्रेस के 6 में से 4 विधायक जदयू के संपर्क में?, चिराग पासवान ने कहा-महागठबंधन के ‘कई विधायक’ संपर्क में, NDA में आने को आतुर?

भारत अधिक खबरें

भारतयूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में योगी सरकार लाएगी 20,000 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट, 15 दिसंबर हो सकता है शुरू

भारतकांग्रेस के मनीष तिवारी चाहते हैं कि सांसदों को संसद में पार्टी लाइन से ऊपर उठकर वोट देने की आजादी मिले, पेश किया प्राइवेट मेंबर बिल

भारत32000 छात्र ले रहे थे शिक्षा, कामिल और फाजिल की डिग्रियां ‘असंवैधानिक’?, सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद नए विकल्प तलाश रहे छात्र

भारतभाजपा के वरिष्ठ शाहनवाज हुसैन ने तेजस्वी यादव पर बोला तीखा हमला, कहा- नेता विपक्ष के नेता के लायक भी नहीं

भारतलालू यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव ने जमा किया ₹3 लाख 61 हजार रुपये का बिजली बिल, विभाग ने थमाया था नोटिस