कारागारों में मोबाइल तथा अन्य इलेक्ट्रानिक्स उपकरणों के प्रयोग पर अब तीन से पांच वर्ष तक की सजा

By भाषा | Updated: September 30, 2021 18:39 IST2021-09-30T18:39:49+5:302021-09-30T18:39:49+5:30

Now the punishment of three to five years for the use of mobile and other electronic devices in prisons | कारागारों में मोबाइल तथा अन्य इलेक्ट्रानिक्स उपकरणों के प्रयोग पर अब तीन से पांच वर्ष तक की सजा

कारागारों में मोबाइल तथा अन्य इलेक्ट्रानिक्स उपकरणों के प्रयोग पर अब तीन से पांच वर्ष तक की सजा

लखनऊ, 30 सितम्बर उत्तर प्रदेश में बंदी अनुशासन हेतु जेल अधिनियम -1894 के प्रावधानों में संशोधन कर कारागारों में मोबाइल तथा अन्य इलेक्ट्रानिक्स उपकरणों के उपयोग को संज्ञेय एवं गैर जमानती अपराध बनाया गया है।

इसके तहत ऐसे उपकरणों का उपयोग करने पर अब तीन से पांच वर्ष तक की कठोर सजा हो सकती है।

गृह विभाग द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक बयान के मुताबिक प्रदेश के कारागारों में यदि कोई बंदी कारागार परिसर अथवा उसके बाहर किसी भी प्रकार के बेतार संचार का प्रयोग करते हुये पाया जाता है तथा इसके परिणामस्वरूप कोई अपराध होता है, तो दोष सिद्ध होने पर उसे उक्त सजा मिलेगी।

इस व्यवस्था के लागू होने से मोबाइल फोन, वाईफाई, ब्लूटूथ, निकट क्षेत्र संचार (एन0एफ0सी0), टैबलेट, वैयक्तिक कम्प्यूटर, लैपटॉप, पॉमटाप, इण्टरनेट, जी0पी0आर0एस0, ई-मेल, एम0एम0एस0, या अन्य कोई उपकरण यथा मोबाइल सिम आदि का प्रयोग कारागार परिसर के अन्दर अथवा उसके बाहर नही किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि सजा के प्रावधान से अब जेलों में इस प्रकार के इलेक्ट्रानिक्स उपकरणों के प्रयोग पर पर अंकुश लगेगा।

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Web Title: Now the punishment of three to five years for the use of mobile and other electronic devices in prisons

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