अब पूर्वांचल में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने पर ध्यान है : भाजपा विधान पार्षद अरविन्द शर्मा
By भाषा | Updated: May 28, 2021 21:17 IST2021-05-28T21:17:06+5:302021-05-28T21:17:06+5:30

अब पूर्वांचल में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने पर ध्यान है : भाजपा विधान पार्षद अरविन्द शर्मा
नयी दिल्ली, 28 मई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी एवं नौकरशाह से नेता बने अरविन्द कुमार शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि अब उनका ध्यान वाराणसी सहित पूर्वांचल में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने पर है जिससे कि क्षेत्र आगामी दिनों में कोरोना वायरस से बेहतर ढंग से निपटने के लिए तैयार हो सके।
वर्ष 1988 बैच के गुजरात कैडर के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी ने मोदी के साथ दो दशक से अधिक समय तक काम करने के बाद सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) सचिव पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी और जनवरी में भाजपा में शामिल हो गए थे।
इसके तुरंत बाद, वह अपने गृह राज्य उत्तर प्रदेश में पार्टी के विधान पार्षद चुने गए और इसके तुरंत बाद उन्होंने गृह क्षेत्रों-मऊ और आजमगढ़ जिलों में विकास के लिए काम करना शुरू कर दिया था।
प्रधानमंत्री कार्यालय से निर्देशों के बाद 58 वर्षीय शर्मा एक महीने से अधिक समय से वाराणसी और इसके आसपास के जिलों में राहत एवं कोविड रोकथाम कार्य का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने अप्रैल के दूसरे सप्ताह में अपना आधार क्षेत्र बदलकर प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र को बना लिया था।
शर्मा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री कार्यालय और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद मैंने 13 अप्रैल को अपना आधार लखनऊ से बदलकर वाराणसी कर लिया और कोविड के मद्देनजर प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र तथा आसपास के जिलों में राहत एवं अन्य रोकथाम गतिविधियों को देखने के लिए लगभग 40 दिन वहां रुका।’’
उन्हें लगता है कि मोदी के ‘‘मार्गदर्शन और आशीर्वाद’’ से वह स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर वाराणसी और आसपास के जिलों में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर से निपटने में सफल रहे हैं।
शर्मा ने कहा, ‘‘मेरे पहुंचने के बाद एक सप्ताह से कम समय में हमने वाराणसी के अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या, ऑक्सीजन सिलिंडर और वेंटिलेटर उपलब्धता काफी बढ़ा दी तथा जिले में और अधिक जांच केंद्रों की स्थापना की।’’
उन्होंने कहा कि मिर्जापुर, चंदौली, जौनपुर और आजमगढ़ जैसे आसपास के जिलों में भी स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत करने के इसी तरह के प्रयास किए गए।
शर्मा ने कहा कि उनके लंबे प्रशासनिक अनुभव, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र से उनके जुड़ाव की वजह से महामारी के दौरान समूचे पूर्वांचल के लिए संसाधन जुटाने में मदद मिली और इससे पड़ोसी राज्य बिहार के मरीजों की आवश्यकताओं को पूरा करने में भी मदद मिली।
राजनीतिक चर्चा में पड़ने से पूरी तरह इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि अब उनका ध्यान पूर्वांचल के सभी 17 जिलों में स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत करने पर है जिससे कि कोरोना वायरस और भविष्य में अन्य स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने की तैयारी की जा सके।
शर्मा ने बताया कि वाराणसी में चार ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए गए हैं तथा क्षेत्र में 58,000 से अधिक कोविड देखरेख कोविड किट वितरित की गई हैं और पूर्वांचल के अन्य जिलों में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
भाजपा के विधान पार्षद ने कहा कि उन्हें कोविड महामारी से निपटने के लिए मास्क, सैनिटाइजर, दवा जैसी सभी आवश्यक वस्तुएं और अन्य चीजें लगातार प्राप्त हो रही हैं तथा अब इनमें से अनेक चीजों को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में भेजा गया है।
मऊ जिले से ताल्लुक रखने वाले शर्मा ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र से करीबी जुड़ाव महसूस करते हैं और इसकी जनसांख्यिकी को समझते हैं।
राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि शर्मा को आने वाले दिनों में राज्य सरकार में बड़ी भूमिका दी जा सकती है।
शर्मा गुजरात से एकमात्र ऐसे सेवारत आईएएस अधिकारी हैं जो 2014 में मोदी के साथ दिल्ली आ गए थे और प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव के रूप में पदस्थ हुए।
प्रधानमंत्री कार्यालय में उनके कार्यकाल के दौरान उन्हें सरकार के अवसरंचना संबंधी कार्य तथा उत्तर प्रदेश और गुजरात के विकास कार्य की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया था।
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