दक्षिण पूर्व एशिया के साथ भारत के सम्पर्क का द्वार है पूर्वोत्तर : विदेश सचिव श्रृंगला

By भाषा | Updated: December 19, 2020 20:20 IST2020-12-19T20:20:31+5:302020-12-19T20:20:31+5:30

Northeast is India's gateway to South East Asia: Foreign Secretary Shringla | दक्षिण पूर्व एशिया के साथ भारत के सम्पर्क का द्वार है पूर्वोत्तर : विदेश सचिव श्रृंगला

दक्षिण पूर्व एशिया के साथ भारत के सम्पर्क का द्वार है पूर्वोत्तर : विदेश सचिव श्रृंगला

नयी दिल्ली, 19 दिसंबर विदेश सचिव हर्ष वर्द्धन श्रृंगला ने शनिवार को कहा कि भारत का उत्तर पूर्व इलाका दक्षिण पूर्व एशिया के साथ देश के सम्पर्क और संबंधों का द्वार है और इसे भारतीय विदेश नीति के पड़ोस प्रथम एवं ऐक्ट ईस्ट पहल के रूप में दो बुनियादी स्तम्भों की योजक कड़ी के रूप में देखा जा सकता है।

पूर्वोत्तर महोत्सव के उद्घाटन सत्र को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए श्रृंगला ने कहा कि भारत का इन क्षेत्र के लिये एक दृष्टिकोण है और यह तीन ‘3सी’- सम्पर्क, वाणिज्य और सांस्कृतिक एकरूपता पर आधारित है तथा इस सोच को हासिल करने के लिये कई ठोस कदम उठाये जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ एक तरफ हम अपने सम्पूर्ण राजनयिक माध्यमों का उपयोग करते हुए अपने सहयोगियों के साथ द्विपक्षीय स्तर पर काम कर रहे हैं, वहीं, दूसरी तरफ हम बिमस्टेक और बीबीआईएन या बांग्लादेश-भूटान-भारत-नेपाल समूह जैसे कदमों के जरिये बहुस्तरीय रूप से काम कर रहे हैं ।’’

श्रृंगला ने कहा कि भारत के उत्तर पूर्व इलाके को भारतीय विदेश नीति के पड़ोस प्रथम एवं ऐक्ट ईस्ट पहल के रूप में दो बुनियादी सतम्भों की कड़ी के रूप में देखा जा सकता है ।

उन्होंने कहा, ‘‘ इस दृष्टि से पूर्वोत्तर द्वार है । यह हमें कुछ महत्वपूर्ण पड़ोसियों के साथ जोड़े रखता है । यह हमें और हमारे पड़ोसियों को आर्थिक एवं राजनीतिक रूप से दुनिया में महत्वपूर्ण आसियान और हिन्द प्रशांत के साथ जोड़ता है । ’’

उन्होंने इस अवसर पर इस वर्ष सितंबर में आईआईटी गुवाहाटी के दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी को याद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत के ऐक्ट ईस्ट नीति में पूर्वोत्तर के महत्व को रेखांकित किया है ।

विदेश सचिव ने पड़ोसी देशों के साथ भारत के अनेक सम्पर्क परियोजनाओं को रेखांकित किया जिसमें पूर्वोत्तर की महत्वपूर्ण भूमिका है ।

उन्होंने कहा कि भारत और बांग्लादेश के साथ सम्पर्क बेहतर होने का सीधा एवं सकारात्मक प्रभाव पूर्वोत्तर क्षेत्र पर पड़ा है । हमने भारत और बांग्लादेश के बीच पांच रेल लाइनों को बहाल किया है जो 1965 से पहले परिचालन में थी ।

उन्होंने कहा कि आपने देखा है कि इसी सप्ताह शिखर बैठक में भारत और बांग्लादेश के प्रधानमंत्रियों ने चिलाहाटी और हल्दीबाड़ी रेललाइन की संयुक्त रूप से शुरूआत की ।

श्रृंगला ने कहा कि इस क्षेत्र में साझा नदियां हैं जिसमें विशेष तौर पर ब्रह्मपुत्र और बराक-सुरमा शामिल है और यह कारोबार एवं वाणिज्य को बढ़ावा देने एवं लोगों से लोगों के बीच सम्पर्क की दृष्टि से महत्वपूर्ण है ।

विदेश सचिव ने कहा कि म्यामां भौगोलिक रूप से महत्वपूर्ण है और इसलिये म्यामां के साथ क्षेत्रीय सम्पर्क से जुड़ी परियोजनाओं को भारत उच्च प्राथमिकता देता है ।

उन्होंने कहा कि इसलिये भविष्य में म्यामां होते हुए भारत और थाईलैंड के बीच चार लेन की त्रिस्तरीय राजमार्ग सम्पर्क को आगे बढ़ाने की योजना है जो लाओस, कंबोडिया और वियतनाम तक जा सकता है।

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Web Title: Northeast is India's gateway to South East Asia: Foreign Secretary Shringla

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