उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगे मामला: अदालत ने जेएनयू, जामिया के छात्रों को दी जमानत

By भाषा | Updated: June 15, 2021 13:05 IST2021-06-15T13:05:02+5:302021-06-15T13:05:02+5:30

North-East Delhi riots case: Court grants bail to JNU, Jamia students | उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगे मामला: अदालत ने जेएनयू, जामिया के छात्रों को दी जमानत

उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगे मामला: अदालत ने जेएनयू, जामिया के छात्रों को दी जमानत

नयी दिल्ली, 15 जून दिल्ली उच्च न्यायालय ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगे के एक मामले में जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय की छात्राओं नताशा नरवाल, देवांगना कालिता और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा को मंगलवार को जमानत दे दी। इन लोगों को पिछले साल फरवरी में दंगों से जुड़े एक मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत मई 2020 में गिरफ्तार किया गया था।

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति एजे भंभानी की पीठ ने निचली अदालत के इन्हें जमानत ना देने के आदेश को खारिज करते हुए तीनों को नियमित जमानत दे दी।

अदालत ने ‘पिंजड़ा तोड़’ कार्यकर्ताओं नताशा नरवाल, देवांगना कालिता और तन्हा को अपने-अपने पासपोर्ट जमा करने, गवाहों को प्रभावित न करने और सबूतों के साथ छेड़खानी न करने का निर्देश भी दिया। इन्हें 50-50 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के दो जमानतदारों पर रिहा करने का निर्देश दिया।

उच्च न्यायालय ने कहा कि तीनों आरोपी किसी भी गैर-कानूनी गतिविधी में हिस्सा ना लें और कारागार रिकॉर्ड में दर्ज पते पर ही रहें।

तन्हा ने एक निचली अदालत के 26 अक्टूबर, 2020 के उसे आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें अदालत ने इस आधार पर उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी कि आरोपी ने पूरी साजिश में कथित रूप से सक्रिय भूमिका निभाई थी और इस आरोप को स्वीकार करने के लिए पर्याप्त आधार है कि आरोप प्रथम दृष्टया सच प्रतीत होते हैं।

नरवाल और कालिता ने निचली अदालत के 28 अक्टूबर के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें, अदालत ने यह कहते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया था कि उनके खिलाफ लगे आरोप प्रथम दृष्टया सही प्रतीत होते हैं और आतंकवाद विरोधी कानून के प्रावधानों को वर्तमान मामले में सही तरीके से लागू किया गया है।

उन्होंने दंगों से संबंधित गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के एक मामले में अपनी जमानत याचिका खारिज करने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए अपनी अपील दायर की थी।

गौरतलब है कि 24 फरवरी 2020 को उत्तर-पूर्व दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा भड़क गई थी, जिसने सांप्रदायिक टकराव का रूप ले लिया था। हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी तथा करीब 200 लोग घायल हो गए थे।

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Web Title: North-East Delhi riots case: Court grants bail to JNU, Jamia students

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