कोरोना के बाद नोरो वायरस का फैला संक्रमण, केरल में 13 छात्र चपेट में आए, जानिए इस बारे में
By विनीत कुमार | Updated: November 12, 2021 21:23 IST2021-11-12T21:23:43+5:302021-11-12T21:23:43+5:30
केरल में नोरो वायरस से संक्रमण के मामले सामने आए हैं। इसके बाद राज्य सरकार ने कई दिशा-निर्देश जारी किये हैं।

केरल में मिले नोरोवायरस संक्रमण के मामले (फाइल फोटो)
तिरुवनंतपुरम: केरल के वायनाड में एक वेटनरी कॉलेज के 13 स्टूडेंड नोरा वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने इसकी पुष्टि की है। नोरो वायरस एक संक्रामक वायरस है जो आमतौर पर खराब भोजन और पानी से फैलता है। इससे संक्रमित होने के बाद दस्त, उल्टी और पेट दर्द जैसे लक्षण सामने आते हैं।
बहरहाल, केरल की सरकार ने लोगों को इस संक्रमण को लेकर जागरूक रहने को कहा है। साथ ही जरूरी दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। बीमारी को अधिक फैलने से रोकने के लिए केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने सभी जिलों में बीमारी को लेकर जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, 'फिलहाल चिंता का कोई कारण नहीं है, लेकिन सभी को सतर्क रहना चाहिए। पेयजल स्रोतों को स्वच्छ बनाने की जरूरत है।'
उन्होंने कहा, 'उचित रोकथाम और उपचार से बीमारी को जल्दी ठीक किया जा सकता है। इसलिए सभी को इस बीमारी और इसके बचाव के उपायों के बारे में पता होना चाहिए।'
नोरा वायरस कितना खतरनाक है?
नोरो वायरस आम तौर पर स्वस्थ लोगों को प्रभावित नहीं करता है। हालांकि, यह छोटे बच्चों, बुजुर्गों को गंभीर रूप से बीमार कर सकता है। यह बीमारी जानवरों से फैलती है और संक्रमित हुए शख्स के सीधे संपर्क में आने से भी संक्रमण हो सकता है।
यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के मल और उल्टी से फैलता है। इसलिए सावधानी बरतना जरूरी है क्योंकि यह बहुत तेजी से फैलता है। नोरोवायरस के कुछ सामान्य लक्षणों में दस्त, पेट में दर्द, उल्टी, बुखार, सिरदर्द और शरीर में दर्द आदि शामिल हैं।
नोरा वायरस से कैसे निपटे, कैसे बचें
राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार संक्रमित लोगों को डॉक्टर की सलाह पर घर पर आराम करना चाहिए और ओआरएस घोल और उबला हुआ पानी पीना चाहिए। अपने आसपास साफ-सफाई का भी ध्यान रखने की जरूरत है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों में कहा गया है, 'खाने से पहले और शौचालय का उपयोग करने के बाद अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोना चाहिए। जानवरों के संपर्क में आने वालों को विशेष सावधानी की जरूरत है।'
साथ ही कहा गया है, 'ब्लीचिंग पाउडर के साथ पीने के पानी के स्रोतों, कुओं और भंडारण टैंकों को क्लोरीनेट करें। घरेलू उपयोग के लिए क्लोरीनयुक्त पानी का उपयोग करें। पीने के लिए केवल उबले हुए पानी का उपयोग करें।'
इसके अलावा फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोने के बाद ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए। ऐसे ही समुद्री मछली और क्रैब आदि का सेवन भी अच्छी तरह से पकने के बाद ही किया जाना चाहिए। बासी खाना खाने से बचना चाहिए।