नोएडाः सुपरटेक को सुप्रीम कोर्ट में झटका, एमराल्ड कोर्ट के दोनों टॉवर तोड़ने का आदेश, बॉयर्स को लौटना होगा 12% सालाना ब्याज की दर से पैसा
By सतीश कुमार सिंह | Updated: August 31, 2021 15:57 IST2021-08-31T13:24:59+5:302021-08-31T15:57:52+5:30
उच्चतम न्यायालय ने नोएडा में सुपरटेक की एमेराल्ड कोर्ट परियोजना के 40 मंजिला दो टावरों को, नियमों का उल्लंघन कर निर्माण करने पर गिराने के निर्देश दिए है।

40 मंजिला दो टावरों का निर्माण नोएडा प्राधिकरण के साथ सांठगांठ कर किया गया है।
नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने सुपरटेक बिल्डरों के लिए एक बड़ा झटका दिया है। मंगलवार को नोएडा में एक हाउसिंग प्रोजेक्ट में अपने दो 40-मंजिल टावरों को ध्वस्त करने का आदेश दिया।
उच्चतम न्यायालय ने नोएडा में सुपरटेक की एमेराल्ड कोर्ट परियोजना के 40 मंजिला दो टावरों को नियमों का उल्लंघन कर निर्माण करने के कारण गिराने के सोमवार को निर्देश दिए। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि घर खरीदारों का पूरा पैसा बुकिंग के वक्त से 12 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाया जाए रेजिडेंट्स वेल्फेयर एसोसिएशन को दो टावरों के निर्माण से हुई परेशानी के लिए दो करोड़ रुपये दिए जाएं।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 11 अप्रैल 2014 के फैसले में किसी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है। उच्च न्यायालय ने भी अपने फैसले में दोनों टावरों को गिराने के निर्देश दिए थे।
Supreme Court orders demolition of two 40-floor towers built by real estate company Supertech in one of its housing projects in Noida; says construction was a result of the collusion between the officials of the Noida authority and Supertech pic.twitter.com/5Vx3rSmHCd
— ANI (@ANI) August 31, 2021
न्यायालय ने कहा कि सुपरटेक के 915 फ्लैट और दुकानों वाले 40 मंजिला दो टावरों का निर्माण नोएडा प्राधिकरण के साथ सांठगांठ कर किया गया है और उच्च न्यायालय का यह विचार सही था। पीठ ने कहा कि दो टावरों को नोएडा प्राधिकरण और विशेषज्ञ एजेंसी की निगरानी में तीन माह के भीतर गिराया जाए और इसका पूरा खर्च सुपरटेक लिमिटेड उठाएगा। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि हाल में उसने देखा है कि मेट्रोपॉलिटन इलाकों में योजना प्राधिकारों के सांठगांठ से अनधिकृत निमार्ण तेजी से बढ़ा है और इससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए।