नोएडा (उप्र), 25 दिसम्बर केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने शुक्रवार को थाली बजायी, घंटी बजायी। यह प्रदर्शन ऐसे समय किया गया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना संबोधन दे रहे थे।
भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) के एक पदाधिकारी ने कहा कि तीन नये कानूनों को वापस नहीं लेने को लेकर ‘‘किसानों का असंतोष’’ व्यक्त करने के लिए यहां दलित प्रेरणा स्थल पर थाली और घंटी बजाई गई और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई।
बीकेयू (लोक शक्ति) के प्रवक्ता शैलेश कुमार गिरि ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘आज फिर से, प्रधानमंत्री मोदी ने ‘अपने मन की बात’ की और ‘‘किसानों के मन की बात’ नहीं सुनी। किसान मांग कर रहे हैं कि नए कानूनों को निरस्त किया जाए और फसलों के लिए एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को एक कानून बनाया जाए’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को केंद्र सरकार की किसानों के साथ बातचीत में गतिरोध के लिए राजनीतिक एजेंडे वाले लोगों को दोषी ठहराया और इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार सभी के साथ तब तक संवाद करने के लिए तैयार है, जब तक बातचीत कृषि मुद्दों, तथ्यों और तर्क पर आधारित हो। उन्होंने कहा कि इसमें वे सभी भी शामिल हैं जो इसके खिलाफ हैं।
इस बीच, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक अन्य किसान गुट बीकेयू (भानु) के सदस्यों का विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को 25 वें दिन चिल्ला बॉर्डर पर जारी रहा।
अधिकारियों ने कहा कि चिल्ला बार्डर से होकर नोएडा-दिल्ली संपर्क मार्ग आंशिक रूप से शुक्रवार को भी बंद रहा, जिससे केवल दिल्ली से नोएडा के यात्रियों को ही रास्ता मिला, लेकिन दूसरी ओर से यात्रियों को नहीं। अधिकारियों ने साथ ही दोनों शहरों के बीच यात्रा के लिए वैकल्पिक डीएनडी और कालिंदी कुंज मार्गों के इस्तेमाल का सुझाव दिया।
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