नोएडा हवाई अड्डा अगले साल अप्रैल तक उड़ान सेवा शुरू करेगा, निर्माण और विकास कार्य अग्रिम चरण में
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 24, 2024 17:03 IST2024-06-24T17:02:10+5:302024-06-24T17:03:06+5:30
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अप्रैल, 2025 तक उड़ान सेवा शुरू करने की उम्मीद है। इससे पहले निर्माण में देरी के कारण सितंबर, 2024 की समय सीमा चूक गई थी।

निर्माण और विकास कार्य अग्रिम चरण में
नोएडा: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अप्रैल, 2025 तक उड़ान सेवा शुरू करने की उम्मीद है। इससे पहले निर्माण में देरी के कारण सितंबर, 2024 की समय सीमा चूक गई थी। हाल ही में दिल्ली से लगभग 75 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के जेवर इलाके में बन रहे अत्याधुनिक हवाई अड्डे के निर्माण कार्यों में देरी की खबरें आई थीं।
हवाई अड्डे के सितंबर, 2024 तक उड़ान संचालन शुरू करने की योजना थी। सोमवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया, "मौजूदा निर्माण स्थिति को देखते हुए हमें अप्रैल, 2025 के अंत तक वाणिज्यिक संचालन शुरू करने की उम्मीद है।" बयान में आगे कहा गया, "हम अपने ईपीसी (इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण) ठेकेदार टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि निर्माण गतिविधियों की गति और परिचालन की तैयारी को तेज रखा जा सके।"
बताया गया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान संपर्क के लिए कई एयरलाइन कंपनियों के साथ समझौते किए गए हैं। यह भी कहा गया कि निर्माण कार्य उन्नत चरणों में है। बयान के मुताबिक, "नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर निर्माण और विकास कार्य अग्रिम चरण में है और हम परिचालन तत्परता की राह में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। यह एक बड़ी और जटिल परियोजना है, और निर्माण गतिविधियों के अगले कुछ सप्ताह महत्वपूर्ण हैं।"
बयान में कहा गया है कि रनवे, यात्री टर्मिनल और नियंत्रण टावर पर काम काफी आगे बढ़ चुका है और हाल ही में ग्राउंड हैंडलिंग, वाणिज्यिक क्षेत्रों के संचालन और महत्वपूर्ण रखरखाव अनुबंधों के लिए रियायतें दी गई हैं। माना जा रहा है कि इस परियोजना के पूरा होने पर यह भारत का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा। हवाई अड्डे को चार चरणों में 5,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में विकसित किया जाएगा।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शुरू होने का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इसके शुरू होने के बाद दिल्ली स्थित आईजीआई पर यात्रियों का दबाव कम होगा।