नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के नोएडा में अब सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वालों पर कार्रवाई होगी। नए नियम के मुताबिक, पहली बार थूकते हुए पकड़े जाने पर ₹500 व दूसरी बार गलती करने पर ₹1000 का जुर्माना वसूला जाएगा। दरअसल, लोगों के थूकने की वजह से कोरोना फैलने की संभावना अधिक हो जाती है, ऐसे में नोएडा प्रशासन ने यह कदम उठाया है।
बता दें कि इससे पहले नोएडा से सटे राजधानी दिल्ली में भी कुछ दिनों पहले सार्वजनिक स्थानों पर थूकने या पेशाब करते पाए जाने वाले लोगों पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के मकसद से यह कदम उठाया गया है। दिल्ली के तीनों नगर निगम और नई दिल्ली महानगरपालिका (एनडीएमसी) ने किसी भी व्यक्ति के सार्वजनिक स्थानों पर थूकने या पेशाब करने को तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।
कोविड-19 के प्रबंधन के संबंध में गृह मंत्रालय की ओर से जारी निर्देशों के अनुपालन में नगर निगमों द्वारा यह कदम उठाया गया है, जिसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर थूकने को दंडनीय अपराध बनाया गया है। एनडीएमसी के सचिव अमित सिंगला ने कहा कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करते हुए यह निर्देश दिया जा रहा है कि सार्वजनिक स्थानों पर थूकना या पेशाब करना प्रतिबंधित होगा। उल्लंघन करने वाले व्यक्ति पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
दरअसल, गृह मंत्रालय के आदेश में यह भी कहा गया था कि बंद की अवधि के दौरान शराब, गुटखा, तंबाकू की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध होगा और थूकना सख्त तौर पर प्रतिबंधित होगा तथा जुर्माना लगाकर दंड दिया जाएगा।
इसके अलावा, गुजरात में मार्च माह में जब कोरोना संक्रमण के मामले इतनी तेजी से सामने भी नहीं आ रहे थे तभी इस राज्य ने सार्वजनिक स्थान पर थूकने को दंडनीय अपराध घोषित कर दी। सरकार ने एहतियातन यह कड़ा कदम उठाया, ताकि वायरस को फैलने से रोका जा सके।
प्रधान सचिव (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) जयंती रवि ने कहा था कि हम सार्वजनिक जगहों पर थूकना प्रतिबंधित करने के लिए वीडियो लिंक के जरिये कलेक्टरों, निगमायुक्तों और नगर पालिकाओं के मुख्य अधिकारियों के साथ चर्चा कर रहे हैं। हम इस पर भी चर्चा कर रहे हैं कि थूकने को किस तरह दंडनीय बनाया जाए। इसके बाद यहां यह नियम लागू कर दिया गया।