नयी दिल्ली, दो अप्रैल राज्यसभा के एक सदस्य ने शुक्रवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर आईआरसीटीसी के आतिथ्य पर्यवेक्षकों के अनुबंध का नवीनीकरण नहीं किए जाने को लेकर सवाल उठाए और कहा कि कोविड-19 संकट जब ‘‘चरम’’ पर था तो उन्होंने अपनी सेवाएं दीं।
राजद के राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा कि इन कर्मियों की तरफ से वह पत्र लिख रहे हैं जिन्हें इंडियन रेलवेज कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) ने 23 अप्रैल 2019 को कैटरिंग सेवाओं के पर्यवेक्षण, रेलगाड़ियों में गुणवत्ता की जांच के लिए अनुबंधित किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘इन अनुबंधित कर्मचारियों ने कोविड-19 महामारी के चरम पर होने के दौरान अपनी सेवाएं दीं तथा भारतीय रेलवे की तरफ से चलाई गईं ‘श्रमिक स्पेशल’ रेलगाड़ियों में भोजन आपूर्ति सेवाओं के प्रबंधन और पर्यवेक्षण की उन्होंने बखूबी जिम्मेदारी संभाली।’’
झा ने पत्र में लिखा, ‘‘हमें यह जानकर बहुत दुख हुआ .... इन कर्मचारियों ने हमें सूचित किया है कि आईआरसीटीसी के अधिकारी उन्हें नई नौकरी खोजने के लिए कह रहे हैं। साथ ही 20 दिनों बाद वे सेवा में नहीं रहेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आईआरसीटीसी तर्क दे रहा है कि उन्हें दो वर्ष के अनुबंध पर रखा गया था जो अब जल्द समाप्त होने वाला है।’’
झा ने कहा कि ये पर्यवेक्षक होटल क्षेत्र में प्रशिक्षित हैं और उनमें से कई के पास आतिथ्य की पेशेवर डिग्री है।
उन्होंने रेल मंत्री से मामले पर गौर करने और आईआरसीटीसी से जुड़े सैकड़ों पर्यवेक्षकों की नौकरी बचाने की अपील की।
इससे पहले 25 जून को सभी रेलवे जोन को पत्र लिखकर आईआरसीटीसी ने सूचित किया था कि वर्तमान परिस्थितियों में इन अनुबंधित कर्मचारियों की जरूरत नहीं है और उन्हें एक महीने का नोटिस देकर उनके अनुबंध को समाप्त किया जा सकता है।
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