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सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों के विलय का कोई प्रस्ताव नहीं: राज्य वित्त मंत्री कराड

By भाषा | Updated: November 30, 2021 18:13 IST

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नयी दिल्ली, 30 नवंबर सरकार ने मंगलवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों के विलय का अभी कोई प्रस्ताव नहीं है।

देश में चार साधारण बीमा कंपनियां हैं - न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (एनआईसीएल), यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (यूआईआईसीएल) और ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (ओआईसीएल)।

राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्यमंत्री भागवत के कराड ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों के विलय का फिलहाल कोई प्रस्ताव सरकार के समक्ष विचाराधीन नहीं है।

कराड ने एक अन्य लिखित उत्तर में कहा कि विभिन्न वित्तीय सेवाएं प्रदान करने के मकसद से ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए, बैंकों ने भारतीय बैंकों की ब्लॉकचैन इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (आईबीबीआईसी) की स्थापना की है।

उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सूचित किया है कि वह अपने नए नियामकीय सैंडबॉक्स वातावरण के माध्यम से ब्लॉकचेन-आधारित एप्लिकेशन के विकास के लिए मार्गदर्शन प्रदान करने में सक्रिय है।

उन्होंने कहा, "भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और केनरा बैंक विभिन्न वित्तीय सेवाएं प्रदान करने के मकसद से ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए भारतीय बैंकों की ब्लॉकचैन इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (आईबीबीआईसी) नामक कंपनी का हिस्सा हैं। एसबीआई ने सूचित किया है कि आईबीबीआईसी विकास के एक हिस्से के रूप में, उसने व्यापार से संबंधित लेनदेन में ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी को शामिल करने के लिए कदम उठाए हैं।"

उन्होंने कहा कि केनरा बैंक ने सूचित किया है कि उसने एक छोटी प्रौद्योगिकी नवाचार टीम का गठन किया है, जो बैंकिंग परिचालन के लिए सबसे उपयुक्त संभावित उपयोग के मामलों की पहचान करने पर काम कर रही है।

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कराड ने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत वर्ष 2018-19 के बाद से कुल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के प्रतिशत में वृद्धि देखी गई है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 के दौरान, संवितरण की तुलना में कुल एनपीए 2.51 प्रतिशत (17,712.63 करोड़ रुपये) था। उन्होंने कहा कि यह बढ़कर वर्ष 2019-20 में 2.53 प्रतिशत या 17,712.63 करोड़ रुपये तथा वर्ष 2020-21 में 3.61 प्रतिशत या 34,090.34 करोड़ रुपये हो गया।

उन्होंने एक अन्य जवाब में कहा कि 31 मार्च, 2021 के अंत तक 16.92 लाख से अधिक मुद्रा कार्ड जारी किए जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2021 तक, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित) द्वारा पीएमएमवाई के तहत 1.81 लाख करोड़ रुपये की मौजूदा बकाया राशि के साथ 5.81 लाख करोड़ रुपये का वितरण किया गया था। उन्होंने कहा कि इस प्रकार पुनर्भगतान अनुपात लगभग 69 प्रतिशत है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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