सेवानिवृत्ति की उम्र का लाभ देने के लिए अलग-अलग तारीखों का औचित्य नहीं : न्यायालय

By भाषा | Updated: August 3, 2021 21:24 IST2021-08-03T21:24:38+5:302021-08-03T21:24:38+5:30

No justification for different dates for giving benefit of retirement age: Court | सेवानिवृत्ति की उम्र का लाभ देने के लिए अलग-अलग तारीखों का औचित्य नहीं : न्यायालय

सेवानिवृत्ति की उम्र का लाभ देने के लिए अलग-अलग तारीखों का औचित्य नहीं : न्यायालय

नयी दिल्ली, तीन अगस्त उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि एलोपैथिक और आयुष दोनों तरह के डॉक्टर मरीजों की सेवा करते हैं और इन चिकित्सकों को सेवानिवृत्ति की बढ़ी हुई उम्र का लाभ देने के लिए अलग-अलग तारीखें रखने का कोई ‘तर्कसंगत औचित्य’ नहीं है।

शीर्ष अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालय के नवंबर 2018 के फैसले के खिलाफ अपील पर अपने फैसले में यह टिप्पणी की। उच्च न्यायालय ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण के फैसले को बरकरार रखा था, जिसमें कहा गया था कि आयुष के तहत आने वाले आयुर्वेदिक डॉक्टर भी एलोपैथिक डॉक्टरों की तरह ही 65 वर्ष की बढ़ी हुई सेवानिवृत्ति आयु के लाभ के हकदार हैं, जिसे 60 वर्ष से बढ़ा दिया गया है।

उच्च न्यायालय ने अधिकरण के फैसले के संबंध में उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) द्वारा दाखिल याचिकाओं को खारिज कर दिया था। शीर्ष अदालत में न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ ने कहा कि वह अधिकरण और उच्च न्यायालय के निष्कर्षों से सहमत है कि वर्गीकरण भेदभावपूर्ण और अनुचित है क्योंकि दोनों वर्गों के डॉक्टर अपने मरीजों के इलाज का समान कार्य करते हैं।

पीठ ने कहा, ‘‘हमारी राय में इस तरह का अनुचित वर्गीकरण और इसके आधार पर भेदभाव निश्चित रूप से संविधान के अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता) के साथ असंगत होगा।’’

पीठ ने कहा कि अंतर केवल इतना है कि आयुष (आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी) डॉक्टर स्वदेशी चिकित्सा पद्धति का उपयोग करते हैं जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य योजना (सीएचएस) के डॉक्टर एलोपैथी के जरिए मरीजों का उपचार करते हैं।

पीठ ने कहा कि आयुष डॉक्टरों को उनके देय वेतन और लाभ का भुगतान नहीं करने में संबंधित प्राधिकारी की कार्रवाई को भदभाव के रूप में देखा जाना चाहिए। जबकि, सीएचएस प्रणाली में उनके समकक्षों को वेतन और पूरा लाभ मिला। पीठ ने कहा कि 30 जून 2016 को एनडीएमसी ने केंद्र के आदेश को अपनाया और एलोपैथिक डॉक्टरों के लिए सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी। पीठ ने कहा कि 31 मई 2016 से 26 सितंबर 2017 के बीच सेवानिवृत्त होने वाले डॉक्टरों को सेवानिवृत्ति की बढ़ी हुई उम्र के लाभ से वंचित किया गया। शीर्ष अदालत ने कहा कि इन अपीलों में आयुष मंत्रालय के 24 नवंबर, 2017 के आदेश को 31 मई, 2016 से सभी संबंधित डॉक्टरों पर पूर्व प्रभाव से लागू किया जाना चाहिए।

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Web Title: No justification for different dates for giving benefit of retirement age: Court

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