पीएसी अध्यक्ष के तौर पर मुकुल रॉय की नियुक्ति पर स्पीकर कक्ष में आगे सुनवाई नहीं होगी: बंदोपाध्याय
By भाषा | Updated: November 12, 2021 21:27 IST2021-11-12T21:27:43+5:302021-11-12T21:27:43+5:30

पीएसी अध्यक्ष के तौर पर मुकुल रॉय की नियुक्ति पर स्पीकर कक्ष में आगे सुनवाई नहीं होगी: बंदोपाध्याय
कोलकाता, 12 नवंबर पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बंदोपाध्याय ने शुक्रवार को कहा कि मुकुल रॉय की लोक लेखा समिति (पीएसी) में नियुक्ति के मुद्दे पर वह आगे की सुनवाई नहीं करेंगे क्योंकि मामला उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है।
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और भाजपा विधायक अंबिका रॉय ने मामले की स्थिति का पता लगाने के लिए दिन में विधानसभा अध्यक्ष से उनके कक्ष में मुलाकात की।
बंदोपाध्याय ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उच्चतम न्यायालय का रुख किया है और उसके निर्देश का इंतजार करूंगा। मुकुल रॉय के मामले पर स्पीकर के कार्यालय में अब और सुनवाई नहीं होगी क्योंकि मामला शीर्ष न्यायालय में लंबित है। ’’
रॉय ने भारतीय जनता पार्टी छोड़ दी और 11 जून को तृणमूल कांग्रेस में लौट आए । उन्हें नौ जुलाई को बंदोपाध्याय ने पीएसी अध्यक्ष नियुक्त किया था।
इसके ठीक बाद, विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने बंदोपाध्याय को एक याचिका देकर कहा कि कृष्णानगर उत्तर सीट से चुनाव जीतने वाले रॉय को दलबदल रोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने पार्टी बदलने से पहले भाजपा से इस्तीफा नहीं दिया था।
अगस्त में भाजपा विधायक अंबिका रॉय ने उच्च न्यायालय में इस सिलसिले में एक याचिका दायर कर कहा था कि पीएसी अध्यक्ष के तौर पर मुकुल रॉय की नियुक्ति पांच दशक पुरानी परंपरा का उल्लंघन करती है, जिसके तहत विपक्षी पार्टी के विधायक को यह पद दिया जाता है।
महाधिवक्ता एस एन मुखर्जी ने अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में उच्च न्यायालय को बताया कि विधानसभा अध्यक्ष ने इस विषय में उच्चतम न्यायालय का रुख किया है।
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