किसी देश को अपनी संसद में अन्य देशों के आंतरिक मामलों को नहीं उठाना चाहिए : बिरला

By भाषा | Updated: October 7, 2021 21:35 IST2021-10-07T21:35:05+5:302021-10-07T21:35:05+5:30

No country should raise internal matters of other countries in its Parliament: Birla | किसी देश को अपनी संसद में अन्य देशों के आंतरिक मामलों को नहीं उठाना चाहिए : बिरला

किसी देश को अपनी संसद में अन्य देशों के आंतरिक मामलों को नहीं उठाना चाहिए : बिरला

नयी दिल्ली, 7 अक्तूबर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बृहस्पतिवार कहा कि हर देश की अपनी संप्रभुता है जिसका अन्य देशों को सम्मान करना चाहिए और किसी भी देश को अपनी संसद में अन्य देशों के आंतरिक मामलों को उठाने की इजाजत नहीं देनी चाहिए ।

बिरला जी20 देशों की संसदों के अध्यक्षों के शिखर सम्मेलन (पी 20) में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे है उन्होंने ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन्स के अध्यक्ष सर लिंडसे होयले के साथ द्विपक्षीय बैठक की।

लोकसभा सचिवालय के बयान के अनुसार, बिरला ने कहा कि हर देश की अपनी संप्रभुता है जिसका अन्य देशों को सम्मान करना चाहिए ।

बयान में लोकसभा के हवाले से कहा गया है कि किसी भी देश को अपनी संसद में अन्य देशों के आंतरिक मामलों को उठाने की इजाजत तब तक नहीं देनी चाहिए जब तक कि मामला उस देश के हित को प्रभावित नही करता हो।

इसमें कहा गया है कि दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि दोनों संसदों के सदस्य संसदीय राजनय के माध्यम से विचारों का आदान प्रदान करें और यह जानने का प्रयास करें कि जनता के हित में लोकतान्त्रिक संस्थाओं को कैसे मजबूत किया जा सकता है।

बिरला की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब हाल ही में ब्रिटेन के कुछ सांसदों ने भारत में पिछले वर्ष लाये गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन का मुद्दा उठाया था ।

इससे पहले, बिरला ने पहले सत्र में "महामारी से उत्पन्न सामाजिक और रोज़गार संकट का सामना करने हेतु कार्यवाही" विषय पर अपने विचार व्यक्त किए।

इस अवसर पर बिरला ने कहा कि वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए हमें पूरी दुनिया को एक कुटुंब मानते हुए एक समन्वित रणनीति तैयार करनी होगी और इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए सभी संसदों को एक साथ मिलकर प्रयास करने होंगे।

बिरला ने जोर दिया कि हमें ऐसी विकास नीतियाँ तैयार करनी चाहिए जिससे समाज के सभी वर्गों का कल्याण हो ।

उन्होंने यह भी कहा कि इन विकास नीतियों के बारे में बहुपक्षीय मंचों पर व्यापक रूप से विचार विमर्श और चर्चा होनी चाहिए ताकि सामाजिक और आर्थिक न्याय के सिद्धांतों पर आधारित उपयुक्त और साझा वैश्विक रोडमैप तैयार किया जा सके ।

महामारी के प्रभाव के बारे में बताते हुए बिरला ने कहा कि कोविड-19 से भारत की अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि इस महामारी का प्रभावी ढंग से सामना करने के लिए, भारत में जीवन और आजीविका - दोनों को बचाने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

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Web Title: No country should raise internal matters of other countries in its Parliament: Birla

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