मुंबई:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा विधानसभा में जनसंख्या नियंत्रण के संबंध में महिलाओं के प्रति की गई प्रतिकूल टिप्पणी पर मचे विवाद में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) ने भाजपा पर हमला किया है और नीतीश का बचाव किया है।
एनसीपी प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने इस विवाद को तूल देने के लिए बीजेपी नेताओं को लताड़ लगाई और कहा कि अगर बीजेपी नीतीश कुमार को कटघरे में खड़ा कर रही है तो उन्हें अपने लोगों के बारे में भी बात करनी चाहिए।
इसके साथ ही एनसीपी नेता क्लाइड क्रैस्टो ने यह भी कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि महिलाओं का अनादर करने का अधिकार किसी को भी नहीं है लेकिन इसके लिए दो अलग-अलग मापदंड नहीं हो सकते हैं।
क्रैस्टो ने कहा, "किसी को भी महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल करने का अधिकार नहीं है। नीतीश कुमार ने माफी भी मांगी है। भाजपा को किसी भी विषय को उठाने और उसे मुद्दा बनाने की आदत है। भाजपा के लोगों ने भी महिलाओं का बहुत अपमान किया है और उनके खिलाफ बहुत बार अपमानजनक टिप्पणियां की हैं।"
उन्होंने कहा, "यह अच्छी बात है कि वे आवाज उठा रहे हैं क्योंकि किसी को भी महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक कुछ भी कहने का अधिकार नहीं है, लेकिन इसके लिए दो अलग-अलग मापदंड नहीं हो सकते हैं। अगर बीजेपी नीतीश कुमार के बारे में सवाल उठा रही है, तो उन्हें अपने बारे में बात करनी चाहिए।"
एनसीपी नेता ने कहा, "मेरा मानना है कि भाजपा को नीतीश कुमार के खिलाफ बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि उनके अपने नेता हमेशा महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक बातें करते हैं और उनके मन में महिलाओं के लिए कोई सम्मान नहीं है।''
मालूम हो कि बिहार विधानसभा में बीते मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा महिलाओं के प्रति अभद्र टिप्पणी की गई थी। उसके बाद बुधवार को शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्षी भाजपा के सदस्यों ने सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
भाजपा के तीखे हमलों के बीच नीतीश कुमार ने बुधवार को विधानसभा में अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी। भाजपा विधायकों द्वारा उन्हें विधानसभा में प्रवेश की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "मैं माफी मांगता हूं और अपने शब्द वापस लेता हूं।"
दरअसल मंगलवार को विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि महिलाओं को शिक्षित किया जाना चाहिए क्योंकि इससे वे गर्भधारण के परिणामस्वरूप होने वाले संभोग से बच सकेंगी। उनकी टिप्पणी पर भाजपा के साथ-साथ राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने भी नाराजगी जताई, जिन्होंने उनसे बिना शर्त माफी मांगने की मांग की।