नयी दिल्ली, 24 मार्च कांग्रेस ने पुलिस को कथित तौर पर बिना वारंट के गिरफ्तारी की विशेष शक्ति देने के प्रावधान वाले एक विधेयक को लेकर बिहार विधानसभा में हुए हंगामे पर बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार "आरएसएस-भाजपा मय" हो गए हैं।
मुख्य विपक्षी पाटी ने यह भी कहा कि मंगलवार के घटनाक्रम के लिए नीतीश कुमार को माफी मांगनी चाहिए।
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "बिहार विधानसभा की शर्मनाक घटना से साफ़ है कि मुख्यमंत्री पूरी तरह आरएसएस-भाजपा मय हो चुके हैं।"
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा, "लोकतंत्र का चीरहरण करने वालों को सरकार कहलाने का कोई अधिकार नहीं है।विपक्ष फिर भी जनहित में आवाज़ उठाता रहेगा- हम नहीं डरते!"
पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने ट्वीट किया, ‘‘बिहार में जिस पार्टी को भाजपा ने चुन-चुन कर कमजोर कर दिया वो भाजपाई इशारों पर जन प्रतिनिधियों के साथ निर्मम व्यवहार कर रही है। महिला विधायकों का अपमान किया गया। स्पष्ट है भाजपा, उनके सहयोगी दल लोकतंत्र का आदर नहीं करते।’’
उन्होंने दावा किया कि यह घटना भाजपा-जदयू सरकार के ‘डर और कायरता’ की निशानी है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक वीडियो जारी कर दावा किया, ‘‘बिहार की जदयू-भाजपा सरकार ने विधानसभा में जो किया वो भारत के प्रजातंत्र के इतिहास में कभी नहीं हुआ। विधानसभा के अंदर विधायकों को पुलिस द्वारा लात-घूसों से पिटवाया गया। विधायकों पर पथराव किया गया। महिला विधायकों का अनादर किया गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ प्रजातंत्र की हत्या की गई है। अगर देशवासी नहीं जागे तो लोकतंत्र नहीं बचेगा। गुंडागर्दी और लोकतंत्र की हत्या जदयू-भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा बन गई है।’’
कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस तरह की घटना को देशवासी बर्दाश्त नहीं करेंगे। गांधी के देश में भाजपा के शासन काल में हिंसा की घटनाएं हो रही हैं। विपक्ष के साथ ऐसा व्यवहार कैसे किया जा सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस की मांग है कि जिन्होंने इस घटना के लिए आदेश दिए हैं उन पर कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री जी इसके लिए माफी मांगे।’’
दास ने कहा कि आने वाले दिनों में पूरे बिहार में इस घटना को लेकर आंदोलन किया जाएगा।
गौरतलब है कि पुलिस बल को कथित तौर पर बगैर वारंट की गिरफ्तारी की शक्ति देने वाला एक विधेयक नीतीश कुमार सरकार के बिहार विधानसभा में पेश करने के बाद मंगलवार को सदन में अभूतपूर्व स्थिति देखने को मिली। विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष का घेराव करने वाले विपक्ष के विधायकों को हटाने के लिए सदन में पुलिस बुलानी पड़ गई।
विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और वाम दल के महागठबंधन के सदस्य बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक, 2021 का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने इसे लेकर विधानसभा में हंगामा किया, जिसके चलते सदन की कार्यवाही दिन में पांच बार स्थगित करनी पड़ी।
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