बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी आज नागपुर में एक पुस्तक विमोचन समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के साथ होंगे. भाजपा और शिवसेना के बीच चल रही तनातनी के बीच केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी महाराष्ट्र की राजनीति की धुरी बनकर सामने आए हैं.
गडकरी टिकट बंटवारे से लेकर सरकार बनाने की कश्मकश में मुख्यधारा से अलग थे, लेकिन जब सरकार के गठन की गुत्थी नहीं सुलझी तो अचानक वह भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए अतिमहत्वपूर्ण शख्स के रूप में सामने आते दिखाई दिए.
यह संभवत: महाराष्ट्र की राजनीति में उनके कद का ही असर रहा कि जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल उनसे मिलने पहुंचे तो यह जानते हुए भी कि भाजपा और कांग्रेस अलग धुरी की राजनीतिक पार्टी है, सभी ने इसके राजनीतिक निहितार्थ निकालने शुरू कर दिए. यह चर्चा इतनी व्यापक और असरदार रही कि पटेल को सार्वजनिक बयान देना पड़ा कि वह अपने संसदीय क्षेत्र के कार्य को लेकर उनसे मिलने गए थे. इसके अलावा उनकी कोई बात नहीं हुई है.
इसके पहले सभी राजनीतिक विश्लेषक तब हैरान हुए थे जब पहली बार सार्वजनिक रूप से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस उनसे मिलने के लिए पहुंचे थे. जानकारों का मानना है कि इस मुलाकात के दौरान शिवसेना को बातचीत के लिए आगे लाने पर चर्चा हुई थी. संभव है कि पहले ही यह योजना बनाई गई हो कि जब बात नहीं बने तो गडकरी को सामने लाया जाएगा.