नित्यानंद मामला: नियमों के उल्लंघन पर गुजरात सरकार ने सीबीएसई से डीपीएस स्कूल ईस्ट अहमदाबाद की संबद्धता रद्द करने के लिए कहा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 23, 2019 16:37 IST2019-11-23T15:46:02+5:302019-11-23T16:37:16+5:30
स्वामी नित्यानंद और उसके आश्रम के खिलाफ दो लड़कियों को बंधक बनाकर रखने के आरोप में गुजरात पुलिस ने मामला दर्ज किया था।

नित्यानंद मामला: नियमों के उल्लंघन पर गुजरात सरकार ने सीबीएसई से डीपीएस स्कूल ईस्ट अहमदाबाद की संबद्धता रद्द करने के लिए कहा
गुजरात सरकार के शिक्षा विभाग ने नित्यानंद केस मामले में सीबीएसई से दिल्ली पब्लिक स्कूल ईस्ट अहमदाबाद की संबद्धता रद्द करने के लिए कहा है। इस मामले में जानकारी देते हुए शिक्षा विभाग के सचिव विनोद राव ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, " नित्यानंद केस के मामले में एक और घोर उल्लंघन यह है कि आज भी डीपीएस की जमीन ट्रस्ट के नाम पर नहीं है और इस भूमि के लिए गैर-कृषि उपयोग की अनुमति नहीं है"। जानकारी के लिए आपको बता दें कि दिल्ली पब्लिक स्कूल के इस शाखा में ही नित्यानंद द्वारा आश्रम चलाया जा रहा था।
सरकार ने जांच में यह पाया-
इसके अलावा इस मामले में सरकार ने कई और भी अहम गड़बड़ी पाई है। गौरतलब है कि सरकारी जांच में यह पाया गया कि इस मामले में डीपीएस ने बोर्ड के सामने नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NoC) में घोर उल्लंघन पाया है। यही वजह है कि इस संदिग्ध फर्जीवाड़े को देखते हुए दिल्ली पब्लिक स्कूल, पूर्व अहमदाबाद की संबद्धता रद्द करने के लिए गुजरात सरकार ने सीबीएसई को कहा है।
दरअसल, गुजरात सरकार ने पूर्वी अहमदाबाद कैंपस में दिल्ली पब्लिक स्कूल से चलाए जा रहे नित्यानंद आश्रम की जांच में पाया है, “सचिव के पत्र में उल्लिखित राज्य सरकार का अनापत्ति प्रमाणपत्र, CBSE ने दिनांक 21-11-2019 को कभी नहीं दिया था। राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा जारी किया गया। प्रथम दृष्टया यह आपराधिक गलत बयानी, जालसाजी और धोखाधड़ी का मामला है। ”
नित्यानंद केस मामला क्या है?
जानकारी के लिए आपको बता दें कि स्वामी नित्यानंद और उसके आश्रम के खिलाफ दो लड़कियों को बंधक बनाकर रखने के आरोप में गुजरात पुलिस ने मामला दर्ज किया था। केस दर्ज करने के कुछ दिनों बाद खुद उन्हीं दोनों बहनों ने एक वीडियो जारी कर अपने पिता जनार्दन शर्मा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि पिता ने उनपर आरोप लगाने के लिए दवाब बनाया था।
इसके बाद केस में नया मोड़ आ गया। इसके बाद गुजरात सरकार के शिक्षा विभाग ने संबंधित स्कूल द्वारा नियमों का अवहेलना पाया जिसके बाद सीबाएसई से गुजरात सरकार ने डीपीएस की संबद्धता रद्द करने के लिए कहा है।