बाजार में मंदी के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक और बड़ी घोषणा की है। निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स को घटाने की घोषणा की। वित्त मंत्री ने यह घोषणा जीएसटी काउंसिल की गोवा में आज होने वाली अहम बैठक से ठीक पहले की है।
साथ ही वित्त मंत्री नयी स्थानीय विनिर्माण कंपनियों के लिये भी कॉरपोरेट कर कम करने का प्रस्ताव दिया है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि नयी दर इस वित्त वर्ष के एक अप्रैल से प्रभावी होगी। इस घोषणा का सीधा असर शेयर बाजार पर भी दिखाई दिया। घोषणा के कुछ देर बाद ही सेंसेक्स में 800 से ज्यादां अंकों की उछाल दर्ज की गई। वहीं, रुपया भी 66 पैसे उछलकर 70.68 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंचा गया।
निर्मला सीतारमण ने कहा, 'मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए इनकम टैक्स एक्ट में नई व्यवस्था की पहली की गई है। यह 2019-20 से लागू होगा। इसके तहत 1 अक्टूबर, 2019 को या इसके बाद की घरेलू कंपनियां जो मैन्यूफेक्चरिंग सेक्टर में नया निवेश कर रही है, उनके पास आयकर 15 प्रतिशत की दर से भुगतान करने का विकल्प होगा।' साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि यदि कोई घरेलू कंपनी किसी प्रोत्साहन का लाभ नहीं ले तो उसके पास 22 प्रतिशत की दर से आयकर भुगतान करने का विकल्प मौजूद होगा।
सीतारमण ने कहा, 'जो कंपनियां 22 प्रतिशत की दर से आयकर भुगतान करने का विकल्प चुन रही हैं, उन्हें न्यूनतम वैकल्पिक कर का भुगतान करने की जरूरत नहीं होगी। अधिशेषों और उपकर समेत प्रभावी दर 25.17 प्रतिशत होगी।'
साथ ही सीतारमण ने कहा कि प्रतिभूति लेन-देन कर की देनदारी वाली कंपनियों के शेयरों की बिक्री से हुए पूंजीगत लाभ पर बजट में प्रस्तावित अतिरिक्त अधिशेष लागू नहीं होगा।
निर्मला सीतारमण ने कहा, 'कंपनियों को राहत देने के लिए हम मिनिमम अलटर्नेट टैक्स (MAT) की राहत भी देने जा रहे हैं। MAT रेट को मौजूदा 18 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है। वित्तमंत्री ने एक और राहत देते हुए कहा कि जिन सूचीबद्ध कंपनियों ने पांच जुलाई से पहले शेयरों की पुनर्खरीद की घोषणा की है, उन्हें भी धनाढ्य-उपकर नहीं देना होगा। कंपनियों को अब दो प्रतिशत कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) इनक्यूबेशन, आईआईटी, एनआईटी और राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं पर खर्च करने की भी छूट दी गयी है।
वित्त मंत्री के मुताबिक कॉरपोरेट टैक्स की दर घटाने से राजस्व में सालाना 1.45 लाख करोड़ रुपये की कमी का अनुमान है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि कर छूट से मेक इन इडिया में निवेश आएगा, रोजगार सृजन और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी।
(भाषा इनपुट के साथ)