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निर्भया मामला: आरोपियों के वकील का दावा- विनय को दिया गया धीमा जहर, कोर्ट ने खारिज की याचिका

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 25, 2020 13:15 IST

दूसरी तरफ सरकारी पक्ष के वकील का कहना है कि तिहाड़ जेल प्रशासन ने दोषियों से जुड़े सभी दस्तावेज समय पर सौंप दिए हैं। कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया और कहा कि सभी दस्तावेज सौंप दिए गए हैं, किसी नए निर्देश की जरूरत नहीं।

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ठळक मुद्देदोषियों के वकील द्वारा मांगे सभी संबंधित दस्तावेज मुहैया करा दिए गए हैं।पुलिस की ओर पेश हुए लोक अभियोजक ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय कुमार जैन को बताया कि दोषी केवल ‘‘विलंब करने की तरकीब’’ अपना रहे हैं।

निर्भया मामले में दोषियों को फांसी की सजा से बचाने के लिए आरोपी विनय के वकील ने कोर्ट में एक नई याचिका दायर कर कहा कि विनय को जेल में धीमा जहर दिया जा रहा है। इसके बाद मामले की सुनवाई कर कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया। 

दूसरी तरफ सरकारी पक्ष के वकील का कहना है कि तिहाड़ जेल प्रशासन ने दोषियों से जुड़े सभी दस्तावेज समय पर सौंप दिए हैं। कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया और कहा कि सभी दस्तावेज सौंप दिए गए हैं, किसी नए निर्देश की जरूरत नहीं।

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने शनिवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में मौत की सजा पाए दोषियों के वकील द्वारा मांगे सभी संबंधित दस्तावेज मुहैया करा दिए हैं। पुलिस की ओर पेश हुए लोक अभियोजक ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय कुमार जैन को बताया कि दोषी केवल ‘‘विलंब करने की तरकीब’’ अपना रहे हैं। मामले में चार दोषियों में से तीन की ओर से पेश हुए वकील ने शुक्रवार को अदालत का रुख करते हुए आरोप लगाया कि तिहाड़ जेल के अधिकारी कुछ दस्तावेज नहीं दे रहे हैं और इसी वजह से उन्हें दया तथा सुधारात्मक याचिकाएं दायर करने में देरी हो रही है।

ए. पी. सिंह ने आरोप लगाया कि जेल अधिकारियों ने अभी वे दस्तावेज नहीं दिए हैं जो विनय कुमार शर्मा (26) के लिए दया याचिका और अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन सिंह (25) के लिए सुधारात्मक याचिकाएं दायर करने के लिए आवश्यक हैं। उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में दो अन्य दोषियों विनय और मुकेश सिंह (32) की सुधारात्मक याचिकाएं खारिज कर दी थीं। राष्ट्रपति ने इस महीने की शुरुआत में मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी थी। अदालत के आदेश के अनुसार, सभी चारों को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी होनी है।

पैरा मेडिकल की 23 वर्षीय छात्रा से 16-17 दिसंबर 2012 की मध्यरात्रि को छह लोगों ने चलती बस में वीभत्स सामूहिक दुष्कर्म किया था और उसे सड़क पर फेंक दिया था। उसे इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया जहां उसने दम तोड़ दिया। इस लड़की को काल्पनिक नाम ‘निर्भया’ से जाना गया।

टॅग्स :निर्भया गैंगरेपकोर्ट
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