मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस टीका के परीक्षण में शामिल होने के नौ दिन बाद व्यक्ति की मौत

By भाषा | Updated: January 10, 2021 00:28 IST2021-01-10T00:28:29+5:302021-01-10T00:28:29+5:30

Nine days after joining the corona virus vaccine test in Madhya Pradesh | मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस टीका के परीक्षण में शामिल होने के नौ दिन बाद व्यक्ति की मौत

मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस टीका के परीक्षण में शामिल होने के नौ दिन बाद व्यक्ति की मौत

भोपाल, नौ जनवरी भोपाल के एक निजी अस्पताल में 12 दिसंबर को कोरोना वायरस के स्वदेशी टीके ‘कोवैक्सीन’ के क्लीनिकल परीक्षण में शामिल 42 वर्षीय एक व्यक्ति की नौ दिनों बाद मौत हो गई। हालांकि, चिकित्सकों को संदेह है कि उसकी मौत शरीर में जहर फैलने की वजह से हुई होगी।

यह टीका बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा कि प्रारंभिक समीक्षा में पता चला है कि यह व्यक्ति की मौत कोवैक्सीन से संबंधित नहीं है।

भोपाल के पीपुल्स मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के कुलपति डॉ. राजेश कपूर ने शनिवार को बताया कि दीपक मरावी ने 12 दिसंबर, 2020 को पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में आयोजित कोवैक्सीन टीके के परीक्षण में हिस्सा लिया था और 21 दिसंबर को उसकी मौत हुई।

मध्यप्रदेश मेडिको लीगल इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. अशोक शर्मा ने बताया कि जिस डॉक्टर ने पोस्टमॉर्टम किया था, उसे शक है कि मरावी की मौत जहर खाने से हुई है। हालांकि, उन्होंने कहा कि मौत का सही कारण उसकी विसरा जांच से पता चल सकेगा।

हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा कि तीसरे चरण के परीक्षण के लिए शामिल किये जाने के समय मरावी सभी मानकों पर खरा उतरा था। टीका लगाये जाने के सात दिन तक उसका हालचाल जानने के लिए फोन भी किये गये और उनमें वह पूरी तरह स्वस्थ पाया गया था। उस पर टीके का कोई दुष्प्रभाव नहीं देखा गया था।

इसमें कहा गया है, ‘‘टीका दिए जाने के 9 दिन बाद इस स्वयंसेवी की मौत हुई। परीक्षण केंद्र से मिल रही शुरुआती समीक्षा इस बात की ओर इशारा करती है कि मौत और वैक्सीन डोज़ का संबंध नहीं है।’’

डॉ. कपूर ने कहा कि इस परीक्षण में 50 प्रतिशत लोगों को टीका लगाया गया, जबकि बाकी 50 प्रतिशत को 'सलाइन' दी गई।

उन्होंने कहा कि 21 दिसंबर को मरावी की मौत के बाद हमने भारत के औषधि महानियंत्रक और भारत बायोटेक को इस बारे सूचित किया, जो इस परीक्षण के प्रायोजक हैं।

उन्होंने कहा कि मरावी इस परीक्षण में स्वेच्छा से शामिल हुआ था। उन्होंने दावा किया कि उसके परीक्षण में सभी प्रोटोकॉल का पालन किया गया और परीक्षण में भाग लेने की अनुमति देने से पहले मरावी की सहमति ली गई थी।

कपूर ने कहा कि मरावी को दिशा-निर्देशों के अनुसार परीक्षण के बाद 30 मिनट तक निगरानी में रखा गया था।

उन्होंने दावा किया, ‘‘हमने सात से आठ दिनों तक उसके स्वास्थ्य पर नजर रखी।’’

वहीं, मृतक के परिवार के सदस्यों ने कहा कि वह मजदूरी करता था। उन्होंने दावा किया कि मरावी और उसके सहयोगी को परीक्षण के दौरान 12 दिसंबर को कोवैक्सीन का टीका दिया गया था।

उन्होंने बताया कि जब वह घर लौटा तो असहज महसूस कर था। उसने 17 दिसंबर को कंधे में दर्द की शिकायत की और उसके दो दिन बाद उसके मुंह से झाग भी निकला था। लेकिन उसने एक-दो दिन में ठीक होने की बात कहते हुए डॉक्टर को दिखाने से मना कर दिया।

परिजनों ने कहा कि 21 दिसंबर को जब उसकी तबियत बिगड़ी तो ,उसे अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी।

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Web Title: Nine days after joining the corona virus vaccine test in Madhya Pradesh

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