राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को उत्तर प्रदेश और दिल्ली में 17 ठिकानों पर आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट से जुड़े माड्यूल हरकत-उल-हर्ब-इस्लाम की धरपकड़ के लिए छापेमारी की थी, जिसमें उसने दस लोगों को गिरफ्तार किया था। एनआईए ने सभी गिरफ्तार आरोपियों को गुरुवार (27 दिसंबर) को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया।
दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट ने सभी आरोपियों को 12 दिन की रिमांड पर भेज दिया है। हालांकि एनआईए ने कोर्ट से 15 दिन की हिरासत में दिये जाने का अनुरोध किया। वहीं, कोर्ट ने पांच आरोपियों को परिवार के सदस्यों और माता-पिता को अदालत के अंदर मिलने की अनुमति दे दी है।
इन आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच और ढके हुए चेहरों के साथ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय पांडे की अदालत में पेश किया गया। न्यायाधीश ने मामले में बंद कमरे में सुनवाई का आदेश दिया।
मामले में गिरफ्तार किये गये लोगों में मुफ्ती मोहम्मद सुहैल उर्फ हजरत (29), अनास युनूस (24), राशिद जफर रक उर्फ जफर (23), सईद उर्फ सैयद (28), सईद का भाई रईस अहमद, जुबैर मलिक (20), जुबैर का भाई जैद (22), साकिब इफ्तेकार (26), मोहम्मद इरशाद और मोहम्मद आजम (35) शामिल हैं।
एनआईए ने दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ, उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ते के समन्वय से जाफराबाद के छह स्थानों, दिल्ली के सीलमपुर और उत्तर प्रदेश के 11 स्थानों- अमरोहा में छह, लखनऊ में दो, हापुड़ में दो और मेरठ में दो स्थानों पर छापे की कार्रवाई के बाद इन लोगों को गिरफ्तार किया था।
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोहों से पहले ये छापेमारियां की गई हैं, जिसमें अमरोहा के एक ‘मुफ्ती’ को भी गिरफ्तार किया गया है। एनआईए के अनुसार, छापेमारी के दौरान देशी रॉकेट लांचर, आत्मघाती जैकेट का सामान और टाइम बम बनाने में प्रयुक्त होने वाली 112 अलार्म घड़ियां मिली हैं।
एनआईए ने बुधवार को बताया था कि गिरफ्तार किए गए लोगों में कथित मास्टर माइंड 29 वर्षीय मुफ्ती मोहम्मद सुहैल भी शामिल है। वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा का रहने वाला है। इसके अलावा नोएडा के एक निजी विश्वविद्यालय में पढ़ने वाला इंजीनियरिंग का छात्र, दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक के तीसरे वर्ष का छात्र और दो वेल्डर भी गिरफ्तार किए गए हैं।(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)