एनजीटी ने बिना अनुमति रेत खनन करने पर उप्र की कंपनी पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया
By भाषा | Updated: August 30, 2021 15:09 IST2021-08-30T15:09:30+5:302021-08-30T15:09:30+5:30

एनजीटी ने बिना अनुमति रेत खनन करने पर उप्र की कंपनी पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति के बिना और पर्यावरण नियमों का उल्लंघन कर बागपत जिले में रेत खनन करने की आरोपी कंपनी पर पांच करोड़ रुपये का अंतरिम जुर्माना लगाया है। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए के गोयल की पीठ ने इसके साथ ही छह सदस्यीय समिति का गठन किया और उसे 15 दिन के भीतर बैठक कर आगे की कार्रवाई तय करने का निर्देश दिया जिसमें आरोपी कंपनी एचएसएम होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के खर्चे पर पर्यावरण को पुन:स्थापित करने की योजना भी शमिल है। इस समिति में एनजीटी ने पर्यावरण और खनन विभाग के सचिवों, बागपत के जिलाधिकारी, उत्तर प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य स्तरीय पर्यारण प्रभाव आकलन प्राधिकरण और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को सदस्य बनाया है। एनजीटी ने अपने आदेश में कहा कि समिति विशेषज्ञों और संस्थानों की सहायता लेने को स्वतंत्र है और वह भविष्य में गैर कानूनी खनन को रोकने, ऐसे अपराधों में भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत आपराधिक मामले दर्ज करने संबंधी कदमों पर विचार कर सकती है। अधिकरण ने अपने 25 अगस्त के आदेश में कहा कि समिति को कार्रवाई रिपोर्ट यथासंभव दो महीने में तैयार कर लेना चाहिए एवं इसे उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को नीतिगत और राज्य स्तर पर ऐसे उल्लंघनों पर की गई कार्रवाई के आधार पर अद्यतन करना चाहिए। एनजीटी ने एचएसएम होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड को एक महीने के भीतर अंतरिम जुर्माने की राशि बागपत के जिलाधिकारी के यहां जमा करने का निर्देश दिया और चेतावनी दी कि अगर राशि जमा नहीं की गई तो जिलाधिकारी कंपनी की संपत्ति और उपकरण को जब्त करने, बैंक गारंटी के रूप में जमा राशि निकालने जैसी दंडात्मक कार्रवाई कर सकते हैं। एनजीटी ने यह फैसला प्रवीण और अन्य शिकायतकर्ताओं की याचिका पर दिया। अधिवक्ता संजय उपाध्याय और सलिक शफीक के मध्यम से की गई शिकायत में कहा गया था कि निजी कंपनी उत्तर प्रदेश के बागपत में गैर कानूनी तरीके से रेत खनन कर रही है।
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