नयी दिल्ली, 15 जनवरी राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को प्लास्टिक अपशिष्ट के निपटान से संबंधित ''उत्पादक विस्तारित जिम्मेदारी'' (ईजीआर) पर तीन महीने में अंतिम फैसला लेने का निर्देश देते हुए कहा कि उसने ''बहुत धीमी गति'' से निर्णय लिये हैं।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि प्लास्टिक अपशिष्ट का अवैज्ञानिक तरीके से निपटान पर्यावरण तथा जन स्वास्थ्य के लिये गंभीर खतरा है।
ईपीआर व्यवस्था के तहत प्लास्टिक उत्पादों के निर्माताओं को ग्राहकों द्वारा उनके इस्तेमाल के बाद उनके निपटान की जिम्मेदारी लेने का प्रावधान है।
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