यमुना में प्रदूषण को लेकर एनजीटी ने दिल्ली जल बोर्ड की आलोचना की

By भाषा | Updated: January 29, 2021 15:56 IST2021-01-29T15:56:28+5:302021-01-29T15:56:28+5:30

NGT criticizes Delhi Jal Board for pollution in Yamuna | यमुना में प्रदूषण को लेकर एनजीटी ने दिल्ली जल बोर्ड की आलोचना की

यमुना में प्रदूषण को लेकर एनजीटी ने दिल्ली जल बोर्ड की आलोचना की

नयी दिल्ली, 29 जनवरी यमुना नदी में प्रदूषण को लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली जल बोर्ड की आलेचना करते हुए कहा है कि जल की गुणवत्ता बहुत ही खराब है क्योंकि प्रदूषकों को नालों में बहाया जाना अब भी जारी है।

एनजीटी ने दिल्ली के मुख्य सचिव को हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों के साथ समन्वय करते हुए यमुना की सफाई में प्रगति का व्यक्तिगत तौर पर निगरानी करने का निर्देश दिया है।

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए के गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह स्पष्ट है कि प्रदूषण की रोकथाम के लिए सीवेज, औद्योगिक अपशिष्ट और अन्य प्रदूषकों को बहाये जाने जैसी बड़ी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।

पीठ ने कहा कि इसकी निगरानी के लिए बमुश्किल ही कोई कारगर संस्थागत प्रणाली है।

अधिकरण ने इस बात का जिक्र किया कि यमुना निगरानी समिति ने यह पाया है कि नजफगढ़ और शाहदरा के जल ग्रहण क्षेत्रों में 147 नालों में अपशिष्ट पदार्थ को नियंत्रित नहीं किया किया गया है।

अधिकरण ने कहा कि समिति ने इस बात का जिक्र किया है कि अपशिष्ट जल प्रवाहित किये जाने और सीवेज के शोधन के बीच एक बड़ा अंतराल है। साथ ही समिति ने उन सभी नालों को बंद करने तथा दूसरे नालों की ओर उनका प्रवाह मोड़ने की जरूरत बताई है, जिनमें अशोधित सीवेज प्रवाहित किया जा रहा है, ताकि अशोधित सीवेज नदी में नहीं जाए।

अधिकरण ने कहा कि, ‘‘इस तरह का कार्य उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भी किये जाने की जरूरत है।’’

पीठ ने कहा, ‘‘सीवेज और प्रचुर मात्रा में जल शोधन के लिए आवश्यक उपकरण जरूरत के अनुरूप नहीं लगाये हैं। काफी मात्रा में धन उपलब्ध रहने के बावजूद दिल्ली जल बोर्ड पेशेवर तरीके से काम नहीं कर रहा है।’’

अधिकरण ने कहा कि जल की गुणवत्ता अत्यधिक खराब है क्योंकि प्रदूषकों को नालों में बहाया जाना अब भी जारी है।

अधिकरण ने कहा, ‘‘नदी के बाढ़ के मैदान को अतिक्रमण मुक्त नहीं किया जा रहा है, जिससे नदी की पारिस्थितिकी को नुकसान हो रहा है। जागरूकता कार्यक्रम भी अपर्याप्त हैं।’’

पीठ ने कहा, ‘‘जैव विविधता पार्क और अन्य उपाय भी अपर्याप्त पाये गये हैं। ’’

अधिकरण ने कहा कि प्रदूषण फैलाने वालों से मुआवजा वसूल किये जाने के सिद्धांत का सख्ती से पालन किये जाने की जरूरत है।

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Web Title: NGT criticizes Delhi Jal Board for pollution in Yamuna

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