अगले 25 साल भारत के सृजन का अमृतकाल, नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ना है: प्रधानमंत्री

By भाषा | Updated: August 15, 2021 09:16 IST2021-08-15T09:16:17+5:302021-08-15T09:16:17+5:30

Next 25 years are the nectar of India's creation, we have to move forward with new resolutions: PM | अगले 25 साल भारत के सृजन का अमृतकाल, नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ना है: प्रधानमंत्री

अगले 25 साल भारत के सृजन का अमृतकाल, नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ना है: प्रधानमंत्री

नयी दिल्ली, 15 अगस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि देश आज से अपनी आजादी के 75वें साल में प्रवेश कर रहा है और यहां से आजादी के 100 वर्षों तक का सफर ‘‘भारत के सृजन का अमृतकाल’’ है। उन्होंने कहा कि ‘‘सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और सबके प्रयास’’ से इस लक्ष्य को हासिल करना है।

तिरंगा फहराने के बाद लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का यह संकल्प सुरक्षित और समृद्ध विश्व की खातिर प्रभावी योगदान के लिए है।

उन्होंने कहा कि हर देश की विकास यात्रा में एक समय ऐसा आता है, जब वह देश खुद को नए सिरे से परिभाषित करता है और खुद को नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत की विकास यात्रा में भी आज वो समय आ गया है। यहां से शुरू होकर अगले 25 वर्ष की यात्रा नए भारत के सृजन का अमृतकाल है। इस अमृतकाल में हमारे संकल्पों की सिद्धि, हमें आजादी के 100 वर्ष तक ले जाएगी।’’

लाल किले पर केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सभी सदस्य, विभिन्न दलों के नेता और विदेशी राजनयिकों सहित केंद्र के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। तोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले भारतीय दल के प्रतिनिधियों की उपस्थित आकर्षण का केंद्र थी। प्रधानमंत्री ने उन्हें विशेष तौर पर आमंत्रित किया है।

प्रधानमंत्री आज सबसे पहले राजघाट गए और वहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन किया।

यहां से प्रधानमंत्री सीधे लाल किले पहुंचे जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने उनका वहां स्वागत किया।

प्रधानमंत्री ने तिरंगा फहराया और इसके बाद हेलीकॉप्टर से आयोजन स्थल पर पुष्प वर्षा की गई।

इस अवसर पर उन्होंने अगले 75 सप्ताह के भीतर 75 वंदेभारत रेलगाड़ियां चलाने की घोषणा की जो देश के हर कोने को आपस में जोड़ेंगी।

उन्होंने कहा, ‘‘देश ने संकल्प लिया है कि आजादी के अमृत महोत्सव के 75 सप्ताह में 75 वंदेभारत ट्रेनें देश के हर कोने को आपस में जोड़ रही होंगी।’’

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान सबसे पहले देश की आजादी में योगदान देने वाले महापुरुषों को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की । उन्होंने कहा, ‘‘आज देश उन्हें याद कर रहा है। देश इन सभी महापुरुषों का ऋणी है।’’

कोरोना महामारी में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इस महामारी में अपनी जान गंवाई वह भी वंदन के अधिकारी हैं।

तोक्यो ओलंपिक में भारत के शानदार प्रदर्शन की सराहना करते हुए उन्होंने अपने मंच से तालियां बजाई और कहा कि यह भारत के खेलों और युवा पीढ़ी का सम्मान है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने हमारा दिल ही नहीं जीता है, उन्होंने आने वाली पीढ़ियों को भी, भारत की युवा पीढ़ी को प्रेरित करने का बहुत बड़ा काम किया है।’’

सभी के सामर्थ्य को उचित अवसर देने को लोकतंत्र की असली भावना करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में परिसीमन आयोग का गठन हो चुका है और वहां विधानसभा चुनाव की तैयार चल रही है।

प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि हिमालयी, तटीय और आदिवासी क्षेत्र भविष्य में भारत के विकास का ‘‘बड़ा आधार’’ बनेंगे।

उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में भारत को नयी ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए भारत के सामर्थ्य का सही और पूरा इस्तेमाल जरूरी है और इसके लिए जो वर्ग या क्षेत्र पीछे छूट गए हैं उन्हें आगे बढ़ाना ही होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘आज पूर्वोत्तर में संपर्क का नया इतिहास लिखा जा रहा है। ये संपर्क दिलों का भी है और बुनियादी ढांचों का भी है। बहुत जल्द पूर्वोत्तर के सभी राज्यों की राजधानियों को रेल सेवा से जोड़ने का काम पूरा होने वाला है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा पूर्वी भारत, पूर्वोत्तर, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख सहित पूरा हिमालय का क्षेत्र हो या हमारा तटीय क्षेत्र या फिर आदिवासी अंचल हो, यह भविष्य में भारत के विकास का बड़ा आधार बनेंगे।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी के सामर्थ्य को उचित अवसर देना ही ‘‘लोकतंत्र की असली भावना’’ है।

उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू हो या कश्मीर, विकास का संतुलन अब ज़मीन पर दिख रहा है। जम्मू कश्मीर में परिसीमन आयोग का गठन हो चुका है और भविष्य में विधानसभा चुनावों के लिए भी तैयारी चल रही है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि लद्दाख भी विकास की अपनी असीम संभावनाओं की तरफ आगे बढ़ चला है। उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ लद्दाख आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण होते देख रहा है तो वहीं दूसरी तरफ ‘सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय’ लद्दाख को उच्च शिक्षा का केंद्र भी बनाने जा रहा है।’’

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के जिन जिलों के लिए यह माना गया था कि वह पीछे रह गए, उनकी सरकार ने उनकी आकांक्षाओं को जगाया है।उन्होंने कहा, ‘‘देश में 110 से अधिक आकांक्षी जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, सड़क और रोजगार से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। इनमें से अनेक जिले आदिवासी अंचल में हैं

उन्होंने कहा कि सरकार अपनी अलग-अलग योजनाओं के तहत जो चावल गरीबों को देती है, वह अब पोषणयुक्त चावल देगी। उन्होंने कहा, ‘‘राशन की दुकान पर मिलने वाला चावल हो, मध्यान्ह भोजन में मिलने वाला चावल हो, वर्ष 2024 तक हर योजना के माध्यम से मिलने वाला चावल फोर्टिफाई कर दिया जाएगा।’’

प्रधानमंत्री ने कहा है कि उनका सपना है कि देश के छोटे किसान भारत की शान बनें और केंद्र सरकार इसे ही ध्यान में रखकर कृषि सुधारों की दिशा में कदम बढ़ा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘छोटा किसानए बने देश की शान, यह हमारा सपना है। आने वाले वर्षों में हमें देश के छोटे किसानों की सामूहिक शक्ति को और बढ़ाना होगा। उन्हें नई सुविधाएं देनी होंगी।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के 80 प्रतिशत से ज्यादा किसान ऐसे हैं, जिनके पास दो हेक्टेयर से भी कम जमीन है। उन्होंने कहा, ‘‘देश में पहले जो नीतियां बनीं, उनमें इन छोटे किसानों पर जितना ध्यान केंद्रित करना था, वह नहीं किया गया। अब इन्हीं छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए जा रहे हैं।’’

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गांव में स्वसहायता समूहों से 8 करोड़ से अधिक महिलाएं जुड़़ी हैं और वह एक से बढ़कर एक उत्पाद बनाती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इनके उत्पादों को देश में और विदेश में बड़ा बाजार मिले, इसके लिए अब सरकार ई-कॉमर्स मंच तैयार करेगी।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को दुनिया में अपने सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम पर गर्व है और 54 करोड़ से अधिक लोग पहले ही कोविड-19 के टीके लगवा चुके हैं।उन्होंने कहा, ‘‘हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा है। देश में 54 करोड़ से अधिक लोग पहले ही टीके लगवा चुके हैं।’’

प्रधानमंत्री ने देश में टीका निर्माण में शामिल लोगों की भी सराहना की और कहा कि भारत को कोरोना वायरस रोधी टीकों के लिए बाहरी दुनिया पर निर्भर नहीं होना पड़ा।

उन्होंने कोविड-19 महामारी से निपटने में चिकित्सकों, नर्सों और पराचिकित्सकों के योगदान की भी सराहना की। प्रधानमंत्री ने दुनिया का ध्यान आकर्षित करने वाले डिजिटल मंच ‘कोविन ऐप’ के निर्माण को भी रेखांकित किया।

महामारी के दौरान 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मुहैया कराने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसने दुनिया को हैरान कर दिया है और यह चर्चा का विषय बन गया है। मोदी ने गांवों और शहरों में जीवन के अंतर को पाटने के लिए कदम उठाने का भी आह्वान किया।

मोदी ने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम भारत की आजादी के 100 साल पूरे होने तक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के अपने लक्ष्य को पूरा कर लें।

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