आयकर के नए पोर्टल में क्या आ रही है परेशानी और इसे ठीक करने के लिए क्या कुछ किया जा रहा है, जानें सबकुछ

By विनीत कुमार | Published: August 24, 2021 09:56 AM2021-08-24T09:56:51+5:302021-08-24T10:16:22+5:30

आयकर विभाग नए पोर्टल को लेकर सामने आ रही परेशानी के बीत सरकार ने इंफोसिस को इसे ठीक करने के लिए 15 सितंबर तक का समय दिया है। ये पूरा मामला क्या है, जानिए

New Income tax new portal and its and what is being done to solve it all details | आयकर के नए पोर्टल में क्या आ रही है परेशानी और इसे ठीक करने के लिए क्या कुछ किया जा रहा है, जानें सबकुछ

आयकर के नए पोर्टल में समस्या को खत्म करने की कोशिश (फाइल फोटो)

Highlightsनए आयकर पोर्टल में आ रही दिक्कतों को ठीक करने के लिए इंफोसिस को 15 सितंबर तक का दिया गया है समयवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को इस पूरे मामले को लेकर इंफोसिस के एमडी और सीईओ सलिल पारेख को तलब किया था।7 जून को लॉन्च हुआ था नया पोर्टल, हालांकि इसके बाद से इसमें कई समस्याओं के होने की बात सामने आने लगी।

दो महीने से ज्यादा का समय खत्म हो जाने के बाद भी आयकर विभाग के नए पोर्टल में आ रही दिक्कतों और पिछले दो दिनों से इसके काम नहीं करने के बीच वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने सोमवार को इंफोसिस के एमडी और सीईओ सलिल पारेख के साथ दो बैठकें की। यही नहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी नए पोर्टल में आ रही दिक्कतों के मद्देनजर सलिल पारेख को सरकार की ‘गहरी निराशा और चिंता’ से अवगत कराया।

इसके साथ ही वित्त मंत्री ने नए आयकर फाइलिंग पोर्टल में गड़बड़ियों और सभी समस्याओं को हल करने के लिए सॉफ्टवेयर कंपनी को 15 सितंबर तक का समय भी दिया है। पोर्टल शुरू होने के दो महीने से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी गड़बड़ियां जारी रहने पर सीतारमण ने पारेख को अपने ऑफिस में तलब किया था, ताकि पोर्टल में खराबी का समाधान न होने के कारणों का पता लगाया जा सके। आखिर ये पूरा मामला क्या है, आईए आपको सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं।

नया आयकर पोर्टल क्या है?

दरअसल, आयकर विभाग ने इसी साल मई में अपने नए ई-फाइलिंग पोर्टल http://www.incometax.gov.in को 7 जून को लॉन्च करने की घोषणा की थी। सरकार की ओर से ये बताया गया कि नया पोर्टल इस्तेमाल मे आसान होगा। इसमें कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी। इसमें सभी इंटरैक्शन और अपलोड या एक्शन को एक ही डैशबोर्ड पर प्रदर्शित करने के साथ-साथ करदाताओं को जल्द से जल्द रिफंड जारी करने जैसी सुविधाओं की बात कही गई थी। 

इंफोसिस को इस नए पोर्टल को विकसित करने का अनुबंध 2019 में मिला था। यह ठेका 4,242 करोड़ रुपये में दिया गया। इसका उद्देश्य नई पीढ़ी का पोर्टल बनाना था जिसके तहत आयकर रिटर्न के प्रसंस्करण की अवधि को 63 दिन से घटाकर एक दिन करना था ताकि कर रिफंड में भी तेजी लाई जा सके। जनवरी 2019 से जून 2021 तक सरकार ने इन्फोसिस को इसके लिये 164.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।

नए आयकर पोर्टल से जुड़ा पूरा मामला क्या है?

पोर्टल के 7 जून के लॉन्च के कुछ घंटे बाद से ही कुछ समस्याएं नजर आने लगी थीं। इसमें आधार सत्यापन के लिए ओटीपी जेनरेट करने, पासवर्ड जेनरेट करने, पिछले रिटर्न्स के लिए पुराने डेटा की लिंकिंग में समस्या सहित रिटर्न फाइल करने में दिक्कतें आदि लोगों के सामने आने लगी थी।

यही नहीं, समस्या और उस समय बढ़ी जब ब्याज गणना में गलती, फॉर्म 16 से डिटेल्स को सही तरीके से नहीं लेना और ट्रस्टों के लिए कर छूट के विवरण जोड़ने के लिए विकल्प आदि मौजूद नहीं होने की बातें सामने आई। 

व्यक्तिगत करदाताओं ने भी अपने आईटीआर -1 को जमा करने के बाद भी उसके स्वीकार नहीं किए जाने, दाखिल करने के बाद आईटीआर को ई-सत्यापित करने में असमर्थता, इस पोर्टल के धीमे काम करने की शिकायत की है। इन तमाम शिकायतों के बीच आयकर रिटर्न को फाइल करने की डेडलाइन को बढ़ाए जाने की भी मांग हो रही है।

सरकार ने समस्या सामने आने के बाद क्या कदम उठाए?

पोर्टल में समस्या की बात आने के बाद सोमवार को यह दूसरा मौका था जब वित्त मंत्री ने इंफोसिस की टीम से चर्चा की है। इससे पहले 22 जून को उन्होंने इंफोसिस के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) प्रवीन राव और पारेख से मुलाकात की थी। 

आयकर विभाग ने एक बयान में कहा कि बैठक के दौरान वित्त मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इंफोसिस द्वारा और अधिक संसाधन लगाने तथा प्रयास करने जरूरत है, ताकि सेवाओं को सुचारू बनाया जा सके। 

आयकर विभाग ने कहा कि वित्त मंत्री ने कहा कि पोर्टल की वर्तमान कार्यक्षमता पर करदाताओं के सामने आने वाली समस्याओं को 15 सितंबर 2021 तक हल किया जाना चाहिए, ताकि करदाता और पेशेवर निर्बाध रूप से पोर्टल पर काम कर सकें। 

बान में आगे कहा गया, ‘वित्त मंत्री ने करदाताओं द्वारा बार-बार सामने आ रही परेशानियों के लिए इंफोसिस से स्पष्टीकरण मांगा।’ बयान में आगे कहा गया, ‘पारेख ने बताया कि वह और उनका दल पोर्टल के कामकाज को सुचारू बनाने के लिए सब कुछ कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि 750 से अधिक सदस्य इस परियोजना पर काम कर रहे हैं और इंफोसिस के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) प्रवीण राव व्यक्तिगत रूप से परियोजना की देखरेख कर रहे हैं।'

(भाषा इनपुट)

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