‘विस्तारित ट्रोइका’ बैठक में भारत को आमंत्रित नहीं किये जाने को नयी दिल्ली ने नहीं दी तवज्जो

By भाषा | Updated: August 5, 2021 22:37 IST2021-08-05T22:37:58+5:302021-08-05T22:37:58+5:30

New Delhi ignores India not being invited to 'Extended Troika' meeting | ‘विस्तारित ट्रोइका’ बैठक में भारत को आमंत्रित नहीं किये जाने को नयी दिल्ली ने नहीं दी तवज्जो

‘विस्तारित ट्रोइका’ बैठक में भारत को आमंत्रित नहीं किये जाने को नयी दिल्ली ने नहीं दी तवज्जो

नयी दिल्ली, पांच अगस्त रूस ने अफगानिस्तान में तेजी से बदलते हालात पर अगले हफ्ते बुलाई गयी एक अहम बैठक में भारत को आमंत्रित नहीं किया है और इस बैठक में पाकिस्तान, चीन तथा अमेरिका के शामिल होने की संभावना है। नयी दिल्ली ने बृहस्पतिवार को इस मुद्दे को तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि भारत नियमित तौर पर अफगानिस्तान को लेकर रूस से संपर्क में है।

अफगानिस्तान में तालिबान के हमले बढ़ने पर रूस ने हिंसा रोकने और अफगान शांति प्रक्रिया पर जोर देने के लिए युद्धग्रस्त देश में सभी प्रमुख हितधारकों तक पहुंचने के प्रयास तेज कर दिए हैं। ‘विस्तारित ट्रोइका’ बैठक 11 अगस्त को कतर में होनी है। इसके प्रारूप के तहत इससे पहले 18 मार्च और 30 अप्रैल को वार्ता हुई थी।

रूस, अफगानिस्तान में शांति कायम करने और राष्ट्रीय सुलह की प्रक्रिया की शर्तें तय करने के लिए बातचीत का ‘मॉस्को फॉर्मेट’ भी आयोजित करा रहा है।

‘विस्तारित ट्रोइका’ की बैठक का आमंत्रण नहीं दिए जाने के बाबत सवाल पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि अफगानिस्तान के मुद्दे पर नयी दिल्ली और मास्को के बीच नियमित रूप से बातचीत होती रहती है। उन्होंने कहा, “हम दोनों देश एक विशेष रणनीतिक साझेदारी से बंधे हैं। हम अफगानिस्तान पर रूस के साथ नियमित रूप से चर्चा करते हैं।”

रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव ने पिछले महीने ताशकंद में कहा कि उनका देश भारत और अन्य देशों के साथ काम करता रहेगा जो अफगानिस्तान में स्थिति पर असर डाल सकते हैं। इन टिप्पणियों के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि भारत को आगामी ‘‘विस्तारित ट्रोइका’ बैठक में शामिल किया जा सकता है।

इस बीच, भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुन्दजे ने अफगानिस्तान में स्थिति पर चर्चा करने के लिए छह अगस्त को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक कराने के फैसले को सकारात्मक कदम बताया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने एलान किया कि भारत की अध्यक्षता के तहत शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में अफगानिस्तान में स्थिति पर चर्चा की जाएगी।

मामुन्दजे ने ट्वीट किया, ‘‘अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का आपात सत्र बुलाना एक सकारात्मक कदम है। संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवादियों की हिंसा और अत्याचारों के कारण अफगानिस्तान में हो रही त्रासदी को रोकने में अहम भूमिका निभानी चाहिए। यूएनएससी अध्यक्ष के तौर पर अग्रणी भूमिका के लिए शुक्रिया भारत।’’

यूएनएससी की बैठक कराने का फैसला तब आया है जब दो दिन पहले अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ अतमार ने तालिबान की हिंसा रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का आपात सत्र बुलाने पर अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से बात की। भारत अगस्त माह के लिए यूएनएससी का अध्यक्ष है। अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता में भारत प्रमुख पक्षकार है। उसने युद्धग्रस्त देश में सहायता और पुनर्निर्माण गतिविधियों में करीब तीन अरब डॉलर का निवेश किया हुआ है। भारत अफगानिस्तान के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय शांति एवं सुलह प्रक्रिया का समर्थन करता रहा है।

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Web Title: New Delhi ignores India not being invited to 'Extended Troika' meeting

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