उत्सर्जन मानकों को पूरा करने के वास्ते ताप विद्युत संयंत्रों के लिए नई समय सीमा तय
By भाषा | Updated: April 2, 2021 20:53 IST2021-04-02T20:53:34+5:302021-04-02T20:53:34+5:30

उत्सर्जन मानकों को पूरा करने के वास्ते ताप विद्युत संयंत्रों के लिए नई समय सीमा तय
नयी दिल्ली, दो अप्रैल पर्यावरण मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के दस किलोमीटर के भीतर और दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में ताप विद्युत संयंत्रों की अनुमति देने संबंधी नियमों में संशोधन किया है और संयंत्रों को 2022 के अंत तक नए उत्सर्जन मानकों का पालन करना होगा।
मंत्रालय ने एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा, ‘‘केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा तीन श्रेणियों में ताप विद्युत संयंत्रों (टीपीपी) को उनके स्थान के आधार पर वर्गीकृत करने के लिए एक कार्यबल का गठन किया जाएगा।’’
इसमें कहा गया है कि गैर-प्राप्ति श्रेणी वाले शहरों (नॉन-अटैनमेंट सिटीज) और गंभीर रूप से प्रदूषित क्षेत्रों के दस किलोमीटर के दायरे में टीटीपी इकाइयों को 31 दिसम्बर, 2023 तक उत्सर्जन मानदंडो को पूरा करना आवश्यक है।
गैर-प्राप्ति वाले शहर वे हैं जो राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानकों को पूरा करने में लगातार विफल रहे हैं। सीपीसीबी ने ऐसे 124 शहरों की पहचान की है।
अधिसूचना के अनुसार, बाकी क्षेत्रों में कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को 31 दिसंबर, 2024 तक नए मानकों का पालन करना होगा।
पर्यावरण मंत्रालय ने दिसंबर 2015 में टीपीपी के लिए सूक्ष्म कण पदार्थ (पीएम), सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन के ऑक्साइड के लिए उत्सर्जन मानदंडों को संशोधित किया था, जिससे उन्हें दिसंबर 2017 तक उत्सर्जन नियंत्रण प्रणाली स्थापित करने की आवश्यकता थी।
कार्यान्वयन के मुद्दों और चुनौतियों के मद्देनजर देश के सभी बिजलीघरों के लिए समयसीमा को दिसंबर 2022 तक बढ़ा दिया गया था। हालांकि, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बिजली घरों को दिसंबर 2019 तक संशोधित मानदंडों का पालन करने की आवश्यकता थी।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।