भोपाल, 18 दिसंबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा नए कृषि कानून रातों-रात नहीं लाए गये हैं, बल्कि ये काफी समय से लम्बित थे। कांग्रेस व अन्य दलों पर इन कानूनों के प्रति किसानों में भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री ने साफ किया कि कृषि उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की प्रणाली पर सरकार पूरी तरह से गंभीर है और यह व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को ऑनलाइन सभा के जरिये रायसेन में और मध्यप्रदेश के अन्य जिलों के किसानों को संबोधित करते हुए कांग्रेस सहित विपक्षी दलों पर एमएसपी और एपीएमसी (कृषि मंडी) के मुद्दे पर किसानों को बरगलाने और भ्रम में डालने का आरोप लगाया और कहा कि राजनीतिक दलों, कृषि विशेषज्ञों और प्रगतिशील किसानों द्वारा लंबे समय से ऐसे कृषि सुधारों की मांग की जा रही थी।
उन्होंने कहा कि विपक्षी दल जब सत्ता में थे तब सालों से स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट दबाकर बैठे थे। लेकिन भाजपा के नेतृत्व में सरकार ने किसानों के हित में इस कमेटी की सिफारिशों को लागू किया।
दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसानों द्वारा नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 23 दिन से जारी प्रदर्शन के बीच मोदी ने कहा, ‘‘नए कृषि कानून रातों-रात नहीं आये हैं बल्कि राजनीतिक दलों, कृषि विशेषज्ञों और प्रगतिशील किसानों द्वारा इसकी लंबे समय से मांग की जा रही थी।’’
विपक्ष पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लोगों को उन दलों और नेताओं से जवाब मांगना चाहिये जिन्होंने लंबे समय तक अपने घोषणापत्र में इन सुधारों के बारे में बात तो की लेकिन इन्हें कभी लागू नहीं किया।
उन्होंने विपक्षी दलों की ओर संकेत करते हुए कहा, ‘‘सभी लोगों के घोषणा पत्र देखे जायें, उनके बयान सुने जायें, पहले जो देश की व्यवस्था संभाल रहे थे। आज के कृषि सुधार उनसे अलग नहीं हैं। वो जो वादा करते थे, वही बातें इस कृषि सुधार में की गयी हैं। मुझे लगता है, उनको पीड़ा इस बात की है कि जो काम वो कहते थे लेकिन वो नहीं कर पाये और मोदी ने ये कैसे किया। मोदी को श्रेय क्यों मिले। तो मैं सभी राजनीतिक दलों को कहना चाहता हूं, आपके घोषणा पत्र को श्रेय दीजिये। मुझे श्रेय नहीं चाहिये। मुझे किसानों के जीवन में आसानी और समृद्धि चाहिये। आप कृपा करके किसानों को बरगलाना और भ्रमित करना छोड़ दीजिये।’’
मोदी ने कहा कि नए कृषि कानूनों के लागू होने के बाद भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) की व्यवस्था जारी रहेगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में 2018 में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने लोगों को कृषि कर्ज माफी के नाम पर धोखा दिया।
केंद्र के नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर सैकड़ों किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर तीन सप्ताह से अधिक समय से डेरा डाले हैं।
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