लापरवाही नही बरती जानी चाहिए, हमारा लक्ष्य कोविड मृत्यु दर को एक प्रतिशत से नीचे लाना: मोदी

By भाषा | Published: November 24, 2020 08:41 PM2020-11-24T20:41:23+5:302020-11-24T20:41:23+5:30

Negligence should not be taken, our goal is to bring down the Kovid death rate below one percent: Modi | लापरवाही नही बरती जानी चाहिए, हमारा लक्ष्य कोविड मृत्यु दर को एक प्रतिशत से नीचे लाना: मोदी

लापरवाही नही बरती जानी चाहिए, हमारा लक्ष्य कोविड मृत्यु दर को एक प्रतिशत से नीचे लाना: मोदी

नयी दिल्ली, 24 नवंबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि रोगियों के ठीक होने की बढ़ती दर के चलते लोगों ने कोरोना वायरस से सुरक्षित होने की एक भ्रामक धारणा बना ली जिसकी वजह से हाल के दिनों में संक्रमण के मामलों में वृद्धि आई है। उन्होंने राज्यों को आगाह किया कि वे कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में थोड़ी भी ढिलाई ना बरतें, पहले से भी ज्यादा सतर्क हों और इससे होने वाली मृत्यु की दर को एक प्रतिशत से नीचे लाने का प्रयास करें।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि नागरिकों को दिया जाने वाला टीका सभी वैज्ञानिक मानकों पर सुरक्षित होगा और प्रत्येक नागरिक का टीकाकरण राष्ट्रीय प्रतिबद्धता की तरह है। उन्होंने कहा कि राज्यों के साथ सामूहिक समन्वय में टीका वितरण रणनीति तैयार की जाएगी।

राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने आरटी-पीसीआर जांच का अनुपात बढ़ाने पर जोर दिया और कहा कि घरों में पृथकवास में रह रहे मरीजों की निगरानी भी बेहतरीन तरीके से करनी होगी।

बैठक के बाद मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘कोविड-19 की स्थिति से जुड़े विभिन्न आयामों पर मुख्यमंत्रियों से चर्चा की और इस दौरान स्वास्थ्य संबंधी अवसंरचना तेज गति से विकसित करने और नागरिकों का टीकाकरण सुनिश्चित करने को लेकर बात की।’’

मोदी न उन आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर कोविड-19 की ताजा स्थिति की समीक्षा की जहां हाल के दिनों में संक्रमण के मामलों में तेजी आई है।

इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बधेल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने हिस्सा लिया।

राज्यों की बात सुनने के बाद मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘आपदा के गहरे समंदर से निकले हैं हम और किनारे की तरफ बढ़ रहे हैं। कहीं ऐसा न हो जाए कि हमारी कश्ती वहां डूबे जहां पानी कम था। यह स्थिति हमें नहीं आने देना है।’’

उन्होंने कहा कि जिन देशों में कोरोना कम हो रहा था, वहां अब यह तेजी से बढ़ रहा है और देश में भी कुछ राज्यों में यह स्थिति चिंताजनक है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को और शासन व प्रशासन को पहले से अधिक सतर्क और जागरूक होने की जरूरत है। संक्रमण को कम करने के लिए अपने प्रयासों को हमें और गति देनी होगी। संक्रमण दर को पांच फीसदी के दायरे में लाना ही होगा। आरटी-पीसीआर टेस्ट का अनुपात बढ़ना चाहिए। घरों में जो मरीज हैं उनकी निगरानी बेहतरीन तरीके से करनी होगी। मृत्यु दर को 1 प्रतिशत से नीचे लाएं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वैक्सीन बनाने वाले अपना काम करेंगे लेकिन हमें तो कोरोना पर ही फोकस करना है। हमें ढिलाई नहीं बरतने देनी है। अब हमारे पास टीम तैयार हैं। लोग भी तैयार हैं। थोड़ा आग्रह रखेंगे तो चीजें संभल सकती है। आगे कोई नई गड़गड़ न हो, हमें इसकी चिंता करनी है।’’

प्रधानमंत्री मोदी कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा के लिए अब तक कई बार राज्यों के साथ बैठकें कर चुके हैं।

देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले पिछले कुछ दिनों से 50,000 के नीचे आ रहे हैं, वहीं कुछ राज्यों में मामले तेजी से बढ़े हैं। कुछ शहरों में तो रात का कर्फ्यू भी लगाया गया है।

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों और राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों के साथ कोरोना के टीके के वितरण की रणनीति को लेकर भी चर्चा की।

मोदी ने मुख्यमंत्रियों से अपने सुझाव लिखित में भेजने का आग्रह किया और कहा कि इससे रणनीति बनाने में सुविधा होगी। उन्होंने कहा, ‘‘कोई किसी पर थोप नहीं सकता है। हम सबको मिलकर ही आगे बढ़ना पड़ेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह अभी तय नहीं हुआ है कि किस टीके पर कितना खर्च आएगा। हालांकि दो भारतीय टीके इस दौड़ में सबसे आगे हैं। हम वैश्विक कंपनियों के साथ भी काम कर रहे हैं। वैज्ञानिक आधार पर निर्णय लेने की आवश्यकता है।’’

उन्होंने कहा कि जितने भी टीके हम अपने नागरिकों को देंगे वह सभी वैज्ञानिक मानकों पर सुरक्षित होंगे और राज्यों के साथ सामूहिक समन्वय में टीका वितरण रणनीति तैयार की जाएगी।

उन्होंने राज्यों से कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं शुरू करने का आग्रह किया और कहा, ‘‘प्रत्येक नागरिक का कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण राष्ट्रीय प्रतिबद्धता की तरह है।’’

मोदी ने कहा कि भारत सरकार टीका विकास के प्रत्येक चरण पर नजर बनाए हुए है और भारतीय टीका निर्माताओं के साथ ही वैश्विक नियामकों, अन्य देशों की सरकारों और बहुराष्ट्रीय संगठनों व अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से भी संपर्क बनाए हुए है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं राज्यों से आग्रह करता हूं कि वे जल्द से जल्द विस्तृत योजनाएं भेजें कि कैसे वे सबसे कम समय में वैक्सीन प्राप्त करने की योजना बनाते हैं। यह निर्णय लेने में हमारी मदद करेगा। क्योंकि आपके अनुभव मूल्यवान हैं। मुझे आपकी सक्रिय भागीदारी की आशा है। टीका विकसित करने पर काम चल रहा है। मेरा आपसे आग्रह है कि इसमें कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए।

मोदी ने कहा कि देश के संगठित प्रयासों ने कोरोना महामारी की चुनौती का मुकाबला किया और नुकसान कम से कम रखा। उन्होंने कहा कि आज ठीक होने की दर और मृत्यु की दर इन दोनों मामलों में भारत दुनिया के अधिकतर देशों के मुकाबले संभली हुई स्थिति में है।

उन्होंने कहा कि देश में जांच से लेकर उपचार तक का एक बहुत बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है और इसका लगातार विस्तार भी किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि पीएम केयर्स के माध्यम से ऑक्सीजन और वेंटिलेटर्स उपलब्ध कराने पर भी विशेष जोर है।

उन्होंने कहा, ‘‘कोशिश की जा रही है कि देश के मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों को भी ऑक्सीजन उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाया जाए। 160 से ज्यादा नए ऑक्सीजन प्लांट की निर्माण प्रक्रिया चल रही है। पीएम कयर्स फंड से देश के अलग अलग अस्पतालों को हजारों नए वेंटीलेटर्स मिलना सुनिश्चित किया गया है । वेंटीलेटर्स के लिए पीएम केयर्स फंड से 2000 करोड रुपये पहले ही स्वीकृत किए गए हैं।’’

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बैठक के दौरान कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 की तीसरी लहर की अधिक गंभीरता के कई कारण हैं, जिनमें से प्रदूषण सबसे प्रभावी है।

सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से कहा कि तीसरी लहर में 10 नवंबर को दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 8,600 नए मामले सामने आए थे और उसके बाद से संक्रमण के मामलों की संख्या तथा संक्रमण की दर दोनों में तेजी से कमी आ रही है।

मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण की दर में आ रही कमी आगे भी जारी रहेगी।

दिल्ली में सोमवार को कोविड-19 के 4,454 नए मामले आए और संक्रमण की दर 11.94 प्रतिशत रही। वहीं, शहर में और 121 लोगों की मौत होने के साथ ही संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 8,512 हो गई है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य में कोविड-19 के टीके के वितरण का कामकाज देखने के लिए और टीकाकरण अभियान किस तरह चलाना है, इस बारे में विचार-विमर्श करने के लिए एक कार्यबल का गठन किया गया है।

आधिकारिक वक्तव्य के मुताबिक ठाकरे ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में टीके के वितरण एवं टीकाकरण का काम देखने के लिए एक कार्यबल गठित किया गया है। कोरोना वायरस के टीके के विकास पर नजर रखने के लिए सरकार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के आदर पूनावाला के सतत संपर्क में है।’’

पूनावाला सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ हैं, इस संस्थान ने कोविड-19 के ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित टीके के उत्पादन के लिए एस्ट्राजेनेका के साथ साझेदारी की है।

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से ट्वीट कर बताया गया कि ठाकरे ने मोदी को उन कदमों की जानकारी दी जो महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए उठाए हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी को विश्वास दिलाया कि उनकी सरकार राज्य में कोविड-19 के टीकाकरण कार्यक्रम के त्वरित क्रियान्वयन के लिए केंद्र समेत सभी अन्य पक्षकारों के साथ मिलकर काम करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

बनर्जी ने प्रधानमंत्री को बताया कि पश्चिम बंगाल ने कोविड-19 संक्रमण की दर तथा मृत्यु दर को कम करने में सफलता पाई है तथा राज्य में मरीजों के रोगमुक्त होने की दर देश के अन्य हिस्सों के मुकाबले बेहतर हुई है।

पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया, ‘‘हम केंद्र तथा सभी पक्षकारों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं ताकि जैसे ही टीका उपलब्ध हो, वैसे ही सभी का जल्द से जल्द टीकाकरण किया जा सके।’’

वक्तव्य के मुताबिक, बनर्जी ने मोदी को आश्वासन दिया कि टीकाकरण कार्यक्रम के लिए पश्चिम बंगाल प्रशिक्षित मानव संसाधन तथा आवश्यक आधारभूत ढांचे के साथ पूरी तरह से तैयार है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों के मुख्‍यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री की नेतृत्‍व क्षमता की प्रशंसा की और केन्‍द्र सरकार का इस बात के लिए शुक्रिया अदा किया कि उसने राज्‍यों में स्‍वास्‍थ्‍य अवसंरचना में सुधार के लिए जरूरी मदद उपलब्‍ध कराई।

केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य सचिव राजेश भूषण ने कोविड की मौजूदा स्थिति के बारे में एक प्रस्‍तुति पेश की और उससे निपटने की तैयारी के बारे में विवरण दिया।

उन्‍होंने 72 घंटे के भीतर सभी सम्‍पर्कों की लक्षित जांच, ट्रेसिंग और परीक्षण, आरटी-पीसीआर जांचें बढ़ाने, स्‍वास्‍थ्‍य अवसंरचना में सुधार के प्रयासों और राज्‍यों से प्राप्‍त आंकड़ों को अंतिम रूप देने के संबंध में चर्चा की।

नीति आयोग के सदस्‍य वी.के.पॉल ने टीके की आपूर्ति, वितरण और टीके लगाने की व्‍यवस्‍था के विषय में प्रस्‍तुति दी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Negligence should not be taken, our goal is to bring down the Kovid death rate below one percent: Modi

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे