NEET Controversy: कौन है सिकंदर यादवेंदु? जो नीट पेपर लीक मामले का है मास्टरमाइंड

By अंजली चौहान | Updated: June 23, 2024 09:23 IST2024-06-23T09:01:17+5:302024-06-23T09:23:44+5:30

NEET Controversy: सिकंदर पी यादवेंदु एक किसान परिवार से हैं, और उन्हें पहले 3 करोड़ रुपये के एलईडी घोटाले में कानूनी नतीजों का सामना करना पड़ा था, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें पहली बार सलाखों के पीछे जाना पड़ा।

NEET Controversy Who is Sikandar Yadavendu Who is the mastermind of NEET paper leak case | NEET Controversy: कौन है सिकंदर यादवेंदु? जो नीट पेपर लीक मामले का है मास्टरमाइंड

NEET Controversy: कौन है सिकंदर यादवेंदु? जो नीट पेपर लीक मामले का है मास्टरमाइंड

NEET Controversy: पूरे देश में इस समय नीट एग्जाम में घोटाले को लेकर आक्रोश फैला हुआ है। नीट परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर बिहार जैसे राज्य जांच के घेरे में आए हैं। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की अगुवाई में की गई जांच में मुख्य आरोपी की तलाश की गई जिसके बाद सिकंदर यादवेंदु को गिरफ्तार किया गया है। 

दानापुर नगरपालिका समिति के जूनियर इंजीनियर सिकंदर यादवेंदु को नीट प्रश्नपत्र लीक मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया है। यादवेंदु को नीट प्रश्नपत्रों के अवैध प्रसार में मुख्य संदिग्ध के रूप में चिन्हित किया गया है। इससे पहले 3 करोड़ रुपये के एलईडी घोटाले में उन्हें कानूनी पचड़ों का सामना करना पड़ा था, जिसके कारण उन्हें पहली बार जेल जाना पड़ा था।

सिकंदर के मामले में सामने आने के बाद केस ने नया मोड़ ले लिया है। परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर बिहार पुलिस और केंद्र द्वारा जांच कराई जा रही है। 

कौन हैं सिकंदर पी यादवेंदु?

गौरतलब है कि नीट मामले में गिरफ्तार सिकंदर पी यादवेंदु (56) एक किसान परिवार से आते हैं और 2012 तक एक छोटे-मोटे ठेकेदार थे। यादवेंदु के पास इंजीनियरिंग में डिप्लोमा है और वे पंद्रह वर्षों से ठेकेदार के रूप में काम कर रहे हैं। समस्तीपुर में कृषि प्रधान परिवार से आने वाले और 4.96 एकड़ जमीन के मालिक यादवेंदु ने 1980 के दशक में दसवीं कक्षा पूरी करने के बाद रांची से अपनी शिक्षा शुरू की और अंततः इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल किया।

साल 2021 में सिकंदर के करियर में एक नया मोड़ आया, जब बिहार में एनडीए की सरकार के दौरान उन्हें जल संसाधन विभाग में जूनियर इंजीनियर का पद मिला। इसके बाद, 2016 में, यादवेंदु रोहतास नगर परिषद में 2.92 करोड़ रुपये के एलईडी घोटाले से जुड़े विवाद में उलझे, जहां उन्होंने अतिरिक्त प्रभार संभाला। मामले के सिलसिले में गिरफ्तार होने और बाद में जमानत पर रिहा होने के बावजूद, उनका करियर जारी रहा। 2021 तक, अपने संबंधों का लाभ उठाते हुए, यादवेंदु ने दानापुर नगर परिषद में तैनात शहरी विकास और आवास विभाग में स्थानांतरण करवा लिया। सूत्रों से पता चलता है कि परिषद के भीतर उनका प्रभाव है, खासकर आगामी आवासीय परियोजनाओं के लिए अनुमोदन प्रक्रिया में।

2023 में वरिष्ठ सहयोगियों के साथ विवाद के कारण उनका जल संसाधन विभाग में स्थानांतरण हो गया, एक ऐसा निर्णय जिसे वे प्रशासनिक चैनलों को नेविगेट करने में अपनी कुशलता दिखाते हुए पलटने में सफल रहे। ईओयू के प्रारंभिक निष्कर्षों से पता चलता है कि यादवेंदु ने अपने साले के बेटे और कई अन्य उम्मीदवारों को लीक हुए प्रश्नपत्र पहले ही उपलब्ध कराकर उनकी मदद की। जांच में ऐसे पुख्ता सबूत मिले हैं जो NEET 2024 के पेपर लीक होने की पुष्टि करते हैं, जिनका खुलासा कथित तौर पर 5 मई को निर्धारित परीक्षा से एक दिन पहले हुआ था।

एग्जाम के दिन अधिकारियों ने NHAI गेस्ट हाउस परिसर में रीना यादव को गिरफ्तार किया, जहाँ से एक आपत्तिजनक OMR शीट बरामद की गई। गेस्ट हाउस के रजिस्टर में रहस्यमयी 'मंत्री जी' के साथ अनुराग यादव का नाम दर्ज होने से मामले में और भी रहस्य जुड़ गया।

इस मामले में एक और महत्वपूर्ण व्यक्ति, 'पेपर सॉल्वर गैंग' का हिस्सा नीतीश कुमार ने अधिकारियों से कहा कि यादवेंदु ने उम्मीदवारों को गैंग से जोड़ने का काम किया। कथित तौर पर, यादवेंदु ने प्रति छात्र 40 लाख रुपये की ऊंची दर बताई, जो गैंग की शुरुआती मांग से कहीं ज़्यादा थी, और आखिरकार उसने अपने रिश्तेदारों को अवैध लेन-देन में शामिल कर लिया।

Web Title: NEET Controversy Who is Sikandar Yadavendu Who is the mastermind of NEET paper leak case

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