कृषि को जलवायु-अनुकूल, लाभप्रद और सतत बनाने की जरूरत: उप राष्ट्रपति
By भाषा | Updated: December 17, 2020 21:21 IST2020-12-17T21:21:56+5:302020-12-17T21:21:56+5:30

कृषि को जलवायु-अनुकूल, लाभप्रद और सतत बनाने की जरूरत: उप राष्ट्रपति
नयी दिल्ली, 17 दिसंबर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कृषि को जलवायु-अनुकूल, लाभप्रद और सतत बनाने की जरूरत पर जोर देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ-साथ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा को भी सुनिश्चित करना होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को यह आजादी होनी चाहिए कि वे अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकें और ‘ई-नाम’ (राष्ट्रीय कृषि बाजार) के पीछे यही विचार रहा था कि पूरे देश के लिए एक समान बाजार हो तथा इसका विस्तार होना चाहिए।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय के 41वें दीक्षांत समरोह को संबोधित करने के दौरान नायडू ने इस बात पर जोर दिया कि शीत भंडार, गोदाम जैसी पर्याप्त अवसंरचना तैयार करने और किसानों को वहनीय दर पर रिण मुहैया करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘कृषि हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार है, इसलिए ज़रूरी है कि इसे सतत, लाभप्रद और जलवायु-अनुकूल बनाया जाए। साथ ही देश की खाद्य और पोषण सुरक्षा को सुनिश्चित करना भी आवश्यक है।’’
नायडू के अनुसार, हाल के वर्षों में सरकार ने कृषि क्षेत्र में आमूलचूल सुधार लाने की दिशा में प्रयास किए हैं। किसानों की आमदनी दुगुनी करने के लिए व्यापक परिवर्तन किए जा रहे हैं। हाल की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से देश के 72 फीसदी से अधिक किसानों को लाभ हुआ है।
उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए जरूरी है कि कृषि उत्पादकता में वृद्धि की जाए, संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जाए और फसलों में विविधता लाई जाए।
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