सामाजिक न्याय की मजबूती के लिए हिन्दू संत रामानुजाचार्य से जुड़ने की जरूरत: कांग्रेस नेता

By भाषा | Updated: October 19, 2021 17:51 IST2021-10-19T17:51:13+5:302021-10-19T17:51:13+5:30

Need to connect with Hindu saint Ramanujacharya to strengthen social justice: Congress leader | सामाजिक न्याय की मजबूती के लिए हिन्दू संत रामानुजाचार्य से जुड़ने की जरूरत: कांग्रेस नेता

सामाजिक न्याय की मजबूती के लिए हिन्दू संत रामानुजाचार्य से जुड़ने की जरूरत: कांग्रेस नेता

चेन्नई, 19 अक्टूबर तमिलनाडु में कांग्रेस विधायक दल के नेता के. सेल्वापेरुंथगई ने कहा कि राज्य में सामाजिक न्याय को मजबूत करने के लिए हिन्दू संत रामानुजाचार्य से जुड़ने की जरूरत है जो लगभग एक सहस्राब्दी पहले भेदभाव उन्मूलन और समानता के सिद्धांत को बढ़ावा देने वाले प्रणेता थे।

सेल्वापेरुंथगई श्रीपेरुमबदूर गांव के निवासी हैं जहां रामानुजाचार्य का जन्म हुआ था।

कांग्रेस नेता ने कहा कि सामाजिक न्याय की अलख जगाने वाले क्रांतिकारी संत की वर्षों तक अनदेखी की जाती रही।

उन्होंने कहा, ‘‘अब समय आ गया है जब सामाजिक न्याय और समानता के उनके (संत) के उच्च विचारों का प्रचार-प्रसार किया जाए।’’

हिन्दू संत 11-12वीं सदी के आध्यात्मिक प्रणेता थे जिन्हें आज के तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे क्षेत्रों में उनके समाज सुधार के कार्यों के लिए जाना जाता है।

सेल्वापेरुंथगई ने पीटीआई-भाषा से कहा कि वह ‘पुरतचियालर रामानुजर पेरावी’ (क्रांतिकारी रामानुजर फोरम) शुरू करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘शुरू किए जाने वाले फोरम को लेकर सभी उत्साहित हैं। हम इससे संबंधित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एम के स्टालिन को आमंत्रित करने जा रहे हैं।’’

कांग्रेस नेता ने कहा कि फोरम समाज में बेहतरी लाने, जाति एवं नस्ल के आधार पर भेदभाव के उन्मूलन, सामाजिक न्याय और सौहार्द को बढ़ावा देने संबंधी पहल है।

यह पूछे जाने पर कि जब सामाजिक न्याय से जुड़ी हस्तियों में प्राय: भीमराव आंबेडकर और पेरियार जैसी हस्तियों को गिना जाता है तो उन्होंने रामानुजाचार्य को क्यों चुना, कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘रामानुजार्य आंबेडकर और पेरियार से भी पहले के क्रांतिकारी हैं।’’

श्रीपेरुमबदूर विधानसभा क्षेत्र (सुरक्षित) से विधायक सेल्वापेरुंथगई ने कहा कि 1,000 साल पहले रामानुजाचार्य ने दलितों के उत्थान के लिए काम किया, जातिगत भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी और यह सिद्धांत प्रतिपादित किया कि सभी ‘‘श्री वैष्णव’’ हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘कल्पना करिए कि रामानुजाचार्य को एक हजार साल पहले किस तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा होगा।’’

कांग्रेस नेता ने कहा कि रामानुजार्य नि:संदेह एक क्रांतिकारी नेता एवं प्रणेता थे जो आंबेडकर और पेरियार के अग्रदूत थे।

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