नयी दिल्ली, 20 जनवरी उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को कहा कि नगर नियोजन के लिए अल्पकालिक दृष्टिकोण त्यागने और दीर्घकालिक एवं दूरदर्शी प्रक्रिया को अपनाने की जरूरत है ताकि रहने लायक शहर बनाए जा सकें।
शहर नियोजन एवं भूगोल की एक पुस्तिका का डिजिटल विमोचन करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि ऊंची-ऊंची इमारतों के बीच शहरों में रहने वाले गरीब अक्सर अलग-थलग पड़ जाते हैं।
उन्होंने नगर नियोजन में समावेश और एकीकरण के पहलू की जरूरत पर जोर दिया और कहा, ‘‘कोई भी शहर सिर्फ कुछ लोगों के लिए नहीं हो सकता।’’
उप राष्ट्रपति ने इस बात पर भी जोर दिया कि नगर नियोजन के हर भाग में निरंतरता की जरूरत है, चाहे वो बुनियादी सुविधाओं के लिए वित्त पोषण हो या फिर हरित भवनों और सार्वजनिक यातायात को प्रोत्साहित करना हो।
उनके मुताबिक, नागरिक संसाधनों के लिए तभी भुगतान करते हैं जब वे इसका इस्तेमाल करते हैं। अगर सामान्य शुल्क है तो भी लोगों के भीतर जिम्मेदारी और स्वामित्व की भावना लाने की जरूरत है।
नायडू ने लोगों का आह्वान किया कि वे सड़कों से लगे क्षेत्र के इस्तेमाल को लेकर अपने व्यवहार में बदलाव करें।
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