नई दिल्ली: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) द्वारा दिल्ली सरकार के कार्यक्रम 'देश का मेंटर' को निलंबित कर देने के बाद अब इस मामले को लेकर सियासत शुरू हो गई है। दरअसल, दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि बीजेपी नहीं चाहती है कि आप का 'देश का मेंटर' कार्यक्रम जारी रहे, इसलिए इस कार्यक्रम को रोकने के लिए एनसीपीसीआर का इस्तेमाल किया। अब सिसोदिया के बाद एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो का बयान सामने आया है।
एएनआई से बात करते हुए एनसीपीसीआर चीफ ने कहा, 'हमने दिल्ली सरकार से 3-4 चीजें पूछी हैं। वे इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं लेकिन सच नहीं बोल रहे हैं; उनसे पूछा है कि क्या कोई पेशेवर साइकोमेट्रिक टेस्ट ले रहा है। वे यह जांचने के लिए क्या कर रहे हैं कि बच्चे संभावित बलात्कारियों के संपर्क में नहीं आएंगे?' बता दें कि हाल-फिलहाल में मनीष सिसोदिया ने कहा था कि बीजेपी नहीं चाहती है कि आप का 'देश का मेंटर' कार्यक्रम जारी रहे, इसलिए उन्होंने छत्तीसगढ़ के एक बीजेपी कार्यकर्ता की शिकायत पर इस कार्यक्रम को रोकने के लिए एनसीपीसीआर का इस्तेमाल किया, जिन्होंने कहा कि यह एक बच्चे की सुरक्षा के लिए "खतरा" है।
क्या है 'देश का मेंटर' कार्यक्रम?
'देश का मेंटर' कार्यक्रम पिछले साल अक्टूबर महीने में शुरू किया गया था। इसके तहत नौवीं से 12वीं कक्षा के बच्चों को समर्पित 'मेंटर', उनके करियर एवं जीवन के संदर्भ में मार्गर्दशन देंगे। इस कार्यक्रम के ब्रांड एम्बेसडर बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद हैं। इसके तहत मेंटर को सरकारी स्कूल के 10 छात्रों को "गोद लेने" की आवश्यकता होती है।
मेंटर की भूमिका अपने संबंधित क्षेत्रों में सफल नागरिकों द्वारा निभाई जाती है जो इन छात्रों का मार्गदर्शन करते हैं। एनसीपीसीआर का कहना है कि इस कार्यक्रम से बच्चों को कुछ खतरों का सामना करना पड़ सकता है। पिछले महीने आयोग ने दिल्ली के मुख्य सचिव को पत्र लिखा था और इस सप्ताह की शुरुआत में उसने फिर से पत्र लिखकर कहा था कि जो जवाब उसे मिला है उसमें उपयुक्त तथ्य मौजूद नहीं हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)