महाराष्ट्र की पूर्ववर्ती फड़नवीस सरकार पर कांग्रेस-एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं के फोन टैप कराने के आरोपों के बीच राजनीति गरमा गई है। इस बीच एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि सभी को पता है कि हमारे टैप किए जाते हैं, इसलिए हम इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक उन्होंने कहा कि जहां तक मुझे पता है, एक राज्य के मंत्री के द्वारा फोन टैपिंग का आदेश नहीं दिया जा सकता। इसलिए मुझे नहीं पता कि एक राज्य मंत्री इसके बारे में कितना जानता है।
वहीं, गृह मंत्री अनिल देशमुख ने गत वर्ष लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान फोन टैप कराने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को इस मामले की जांच के आदेश दे दिए। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे भी आरोप हैं कि तत्कालीन सरकार ने कुछ अधिकारियों को इजराइल भेजकर फोन टैप कराने का सॉफ्टवेयर मंगाया था।
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने देशमुख के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया था. ठाकरे इस मामले की जांच कराने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है।
भंडारा जिले में मीडिया से बात करते हुए अनिल देशमुख ने कहा, ''चुनाव से पहले भाजपा सरकार ने यह पता लगाने की कोशिश कर रही थी कि एनसीपी और कांग्रेस नेता किससे और क्या बातें करते हैं।'' हालांकि उन्होंने इस बात का खुलासा नहीं किया कि किन नेताओं के फोन टैप कराए गए थे।
गौरतलब है कि यह मामला गुरुवार को उस वक्त सुर्खियों में आया जब अनिल देशमुख ने तत्कालीन फड़नवीस सरकार पर सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर विपक्षी नेताओं के फोन टैप कराने का सनसनीखेज आरोप लगाया। पिछले साल एक इजराइली फर्म पर भारतीय नेताओं, कार्यकर्ताओं, वकीलों और पत्रकारों के फोन टैप करने के आरोप लगे थे. तब इस मुद्दे को कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर उठाया था।