नयी दिल्ली, सात दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के पास ये शक्ति है कि वह, राज्य आयोग द्वारा राशि जमा करने के आदेश की पूरी राशि या 50 प्रतिशत से अधिक राशि जमा करने का आदेश पारित कर सकता है। अदालत ने राज्य आयोग के एक आदेश पर रोक लगाते हुए उक्त टिप्पणी की।
शीर्ष अदालत ने राज्य आयोग द्वारा पारित आदेश के खिलाफ स्थगन आवेदन और पूरी राशि या 50 प्रतिशत से अधिक राशि जमा करने का आदेश पारित करने पर विचार करते हुए कहा कि एनसीडीआरसी ने कुछ कारण बताए और एक उपुयक्त आदेश पारित किया।
न्यायमूर्ति एम.आर. शाह और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्न की पीठ ने उस सवाल की जांच की कि क्या उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत अपील में और राज्य आयोग द्वारा आदेशित राशि के 50 प्रतिशत से अधिक की या पूरी राशि जमा करने के लिए पारित आदेश पर रोक लगाने के आवेदन पर विचार करते हुए एनसीडीआरसी एक आदेश पारित कर सकता है या नहीं?
पीठ ने कहा, ''राज्य आयोग द्वारा पारित आदेश पर रोक लगाने के आवेदन पर विचार करते हुए, राष्ट्रीय आयोग राज्य आयोग के आदेशानुसार अपीलकर्ता को पूरी राशि या 50 प्रतिशत से अधिक राशि जमा करने का निर्देश देते हुए एक सशर्त रोक लगा सकता है।
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